लखीमपुर-खीरी: किसानों ने दिया शपथ पत्र, बोले- जमीन जबरन ली तो करेंगे आत्मदाह

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Published By Vikas Babu
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लखीमपुर खीरी, अमृत विचार: आवास विकास परिषद द्वारा 317 एकड़ कृषि योग्य उपजाऊ जमीन अधिग्रहण करने के विरोध में गुरुवार को भी शहर से सटे गांव राजापुर के सैकड़ों किसान डीएम दफ्तर पर पहुंचे और वहां मौजूद आवास विकास परषिद के अधिकारियों को जमीन देने से साफ मना कर दिया। साथ ही आयुक्त आवास विकास को संबोधित एक शपथ पत्र भी दिया, जिसमें आवास विकास परिषद को किसी कीमत पर जमीन न देने और जबरन जमीन लेने पर आत्मदाह करने की चेतावनी दी गई है। 

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को लखनऊ से आवास विकास परिषद के अधिकारियों की टीम लखीमपुर पहुंची। कलेक्ट्रेट सभागार में परिषद के अधिकारियों ने किसानों की भूमि अधिग्रहण के संबंध में आपत्तियां सुनीं। किसान जमीन न देने की अपनी बात पर अड़े रहे। किसानों का कहना था कि जमीन चली जाने से उनका जीवन बर्बाद हो जाएगा। वह दाने-दाने को मोहताज होकर सड़कों पर आ डाएंगे। 

किसानों ने शपथ पत्रों पर अपनी आपत्ति आवास विकास परिषद के अधिकारियों को दी है, जिसमें सभी किसानों ने कहा है कि वह किसी कीमत पर अपनी जमीन नहीं देंगे। अगर जबरन उनकी जमीन ली जाती है तो वह आत्मदाह कर लेंगे। बता दें कि आवास विकास परिषद के अधिग्रहण की मनमानी कार्रवाई का राजापुर के किसान शुरुआती दौर से विरोध करते चले आ रहे हैं, इसके बाद भी अभिलेखों में जमीन आवास विकास परिषद के नाम दर्ज हो गई। 

इससे नाराज सैकड़ों किसान किसान छह दिन पहले कलक्ट्रेट के पास पानी की टंकी पर चढ़ गए थे। सीडीओ अनिल सिंह किसानों से कहा था कि स्वयं आवास आयुक्त यहां आकर उनकी समस्याएं सुनेंगे और निस्तारण कराएंगे। इस आश्वासन पर किसान माने थे। इसके लिए 26 जून की तिथि तय हुई थी, लेकिन उस दिन कोई नहीं आया. इससे किसान भड़क गए और शुक्रवार को सुबह से ही बड़ी संख्या में कलेक्ट्रेट में डीएम दफ्तर के बाहर जमा हो गए।

सुबह करीब 11 बजे आवास विकास परिषद की टीम उप आयुक्त हिमांशु गुप्ता, अधीक्षण अभियंता एके मित्तल और अधिशासी अभियंता उमानाथ शुक्ल की अगुवाई में लखीमपुर  पहुंची। परिषद के अधिकारियों ने कलेक्ट्रेट सभागार में सीडीओ अनिल सिंह, एसडीएम सदर अश्विनी कुमार और तहसीलदार सुशील प्रताप सिंह की मौजूदगी में किसानों की बात सुनी। इसमें किसानों ने जमीन देने पर असहमति जताई।

काफी देर तक परिषद के अधिकारी किसानों को समझाते रहे। इस बीच अफसरों और किसानों के बीच कई बार नोकझोक भी हुई। किसानों से अधिग्रहण को लेकर उनकी व्यक्तिगत आपत्तियां टीम ने शपथ पत्र पर लीं। कुल 286 आपत्तियां आवास विकास परिषद की टीम ने प्राप्त की हैं। परिषद के अधिकारियों ने फिलहाल आश्वासन दिया है कि वह किसानों की आपत्तियों को बोर्ड बैठक में रखेंगे।

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