नाटो सदस्यों में सबसे कम योगदान देने वाला देश बना कनाडा, सामने आई रिपोर्ट 

Amrit Vichar Network
Published By Bhawna
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वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की मेजबानी में आयोजित हो रहे नाटो शिखर सम्मेलन की पूर्व संध्या पर सोमवार को एक प्रमुख अमेरिकी मीडिया संगठन ने कहा कि कनाडा 32 सदस्यीय इस सैन्य गठबंधन में सबसे कम योगदान देने वाले देशों में से एक बन गया है। प्रमुख अमेरिकी मीडिया संगठन 'पॉलिटिको' ने कहा, पिछले कई वर्षों में ओटावा 32 सदस्यीय गठबंधन में सबसे कम योगदान देने वाले देशों में से एक बन गया है। वह घरेलू सैन्य खर्च के लक्ष्यों को पूरा करने में नाकाम रहा है, नए उपकरण खरीदने के लिए वित्त पोषण देने में नाकाम रहा है और उसके पास इस संबंध में कोई योजना भी नहीं है। 

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो इस साल के उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए वाशिंगटन पहुंच गए हैं जिसकी औपचारिक शुरुआत मंगलवार को होगी। ट्रूडो के कार्यालय ने बताया कि यहां बैठकों के दौरान वह पूरे यूरोप में नाटो के सामूहिक रक्षा प्रयासों में कनाडा के योगदानों पर प्रकाश डालेंगे। ‘पॉलिटिको’ ने कहा कि नाटो के 12 संस्थापक सदस्यों में से एक कनाडा ने रक्षा पर दो प्रतिशत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) खर्च करने के संकल्प पर 2014 में हस्ताक्षर किए थे। 

नाटो सदस्यों की इस लक्ष्य को हासिल करने में धीमी प्रगति रही है लेकिन इस साल 32 में से 23 नाटो सदस्य रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की योजनाओं को लेकर गठबंधन की पूर्वी सीमा पर बढ़ते खतरे के मद्देनजर इस लक्ष्य को हासिल कर लेंगे। ‘पॉलिटिको’ के अनुसार, नाटो शिखर सम्मेलन के दौरान उसके सदस्य कनाडा पर और अधिक नकदी जुटाने पर जोर दे सकते हैं। मीडिया संगठन ने विदेश विभाग के एक पूर्व अधिकारी मैक्स बर्गमैन के हवाले से कहा, ‘‘अब क्या हो रहा है कि हर कोई अधिक खर्च कर रहा है जबकि कनाडा कोशिश भी नहीं कर रहा है।

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