UP News: छात्रवृत्ति के लिए अब 75 प्रतिशत बायोमेट्रिक उपस्थिति जरूरी, बायोमेट्रिक के जरिए दर्ज होगी अटेंडेंस
स्नातक, स्नातकोत्तर और प्रोफेशनल कोर्स में लागू होगी आधार बेस्ड बायोमेट्रिक उपस्थिति। पिछड़ा वर्ग के छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति में पारदर्शिता लाने के लिए विभाग की ओर से यह निर्णय लिया गया।
लखनऊ, अमृत विचार: छात्रों के हित के लिए उन्हें छात्रवृत्ति दी जाती है। जिससे उनकी शिक्षा में कोई दिक्कत ना आए, लेकिन कई बार छात्र इसमें नियमों के अनुरूप काम नहीं करते हैं। इसके लिए अब छात्रवृत्ति के नियमों में बदलाव किए गए हैं। नए नियमों के तहत उन छात्रों को ही छात्रवृत्ति या स्कॉलरशिप मिलेगी जो नियमों का पालन करेंगे। पिछड़ा वर्ग के छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाया जाएगा। पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के तहत पूर्वदशम्, दशमोत्तर और पीएम यशस्वी योजनाओं के तहत दी जाने वाली छात्रवृत्ति (शुल्क प्रतिपूर्ति) अब उन्हीं छात्रों को मिलेगी, जिनकी कक्षाओं में कम से कम 75% उपस्थिति होगी। इतना ही नहीं छात्रों की उपस्थिति अब आधार बेस्ड बायोमेट्रिक (फेशियल ऑथेंटिकेशन) के जरिए होगी।
पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में पहले चरण में यह व्यवस्था समूह एक के पाठ्यक्रमों (बीएएमएस, बीबीए, एमबीए, बीडीएस, बीएफएडी, बी फार्मा., बीटेक, एमटेक, डॉक्टर ऑफ फार्मेसी, एलएलबी, एलएलएम, कोर्स इन ह्यूमन राइट्स एंड ड्यूटीज एजुकेशन, एमटेक, एमबीबीएस, एमपीटी, एम फार्मा, एमएस, मास्टर ऑफ फार्मेसी (फार्माकोलॉजी), मास्टर ऑफ फार्मेसी (फार्मास्यूटिकल केमिस्ट्री), मास्टर ऑफ फार्मेसी (फार्मास्यूटिक्स), एमसीए, एमडी आयुर्वेद, एमएस आयुर्वेद और पीएचडी जैसे पाठ्यक्रम) पर इसी शैक्षणिक सत्र (2024-25) से सभी शासकीय, गैर शासकीय और शासकीय सहायता प्राप्त सभी शिक्षण संस्थाओं पर लागू होगी।
दूसरे चरण में शैक्षणिक सत्र (2025-26) से आधार बेस्ड बायोमेट्रिक उपस्थिति दशमोत्तर और पूर्व दशम छात्रवृत्ति योजना से संबंधित सभी शैक्षणिक संस्थानों में लागू की जाएगी। छात्रों की उपस्थिति 75 प्रतिशत या उससे अधिक होने पर ही छात्रवृत्ति की सुविधा मान्य होगी। उपस्थिति प्रमाणित करने और इस पर होने वाले सभी खर्चों का वहन संबंधित शैक्षणिक संस्थान करेंगे। निदेशक डॉ. वंदना वर्मा ने बताया कि शैक्षणिक संस्थाओं को निर्देश दिए गए हैं कि वह छात्रों की उपस्थिति आधार बेस्ड बायोमेट्रिक सिस्टम से कराने की व्यवस्था करें। जिससे इसकी वजह से कोई भी छात्र छात्रवृत्ति से वंचित न रहे।
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