अमेठी में जेई के सामने ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, सड़क मरम्मत के काम को बताया मानकविहीन 

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Published By Jagat Mishra
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ग्रामीणों ने एसडीएम को फोन लगाकर मौके पर मौजूद जेई से कराई बात

अमेठी, अमृत विचार। तिलोई तहसील क्षेत्र के विकास खंड बहादुरपुर के बोझी भुलामऊ ग्राम पंचायत के पूरे लाला का पुरवा से कुटिया गांव तक 1500 मीटर लंबी सड़क का मरम्मतीकरण का कार्य चल रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि बिना पैच लगाए सीधे डामरीकरण का कार्य किया जा रहा है। यही नहीं रोड की बगैर साफ-सफाई किए मिट्टी से मिश्रित गिट्टी पर ही बिना तारकोल डाले गिट्टी डाली जा रही है। उसी पर रोलर चलाकर बराबर कर दिया जा रहा है। जैसे ही रोड निर्माण का कार्य शुरू हुआ वैसे ही ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।

ग्रामीण अनिल कुमार, नान्ह भैया, शिव भवन, हरी प्रसाद सहित दर्जनों लोगों ने कहा कि सड़क मरम्मतीकरण में न ही करबई की गिट्टी का इस्तेमाल हो रहा है और सड़कों में हुए बड़े बड़े गड्ढों में गिट्टी की जगह गिट्टी की राबिस का इस्तेमाल किया जा रहा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सड़क मरम्मतीकरण में न तो तारकोल का इस्तेमाल हो रहा है और न ही पीसी कोट का। मानकविहीन सड़क निर्माण में सीधे सील कोट कर धन का दुरुपयोग किया जा रहा है। ग्रामीणों ने धांधली का आरोप लगाते हुए कहा कि गुणवत्ता से समझौता नहीं होना चाहिए। अगर सड़क निर्माण सही नहीं किया गया तो प्रदर्शन करेंगे। ग्रामीणों ने मौके पर मौजूद अवर अभियंता राकेश कुमार मौर्य से गुणवत्ता पूर्ण निर्माण कराने की मांग पर अड़े हुए थे। लेकिन जेई की हठधर्मिता के चलते ग्रामीणों ने एसडीएम को मौके पर ही फोन लगाकर शिकायत कर दी। एसडीएम ने जेई से फोन पर बात की उसके बाद शिकायत कर्ता से कहा कि लिखित शिकायत दे दो जांच करवा ली जाएगी। इस संबंध में पीडब्ल्यूडी विभाग के जेई राकेश कुमार मौर्य ने सड़क मरम्मतीकरण का मानक बताने से कतराते रहे। साथ ही कार्यदायी संस्था का नाम भी उन्होंने नहीं बताया। 

ऐसे होता है ग्रामीण सड़कों का मरम्मतीकरण
ग्रामीण अंचल की सड़कों की मरम्मत में करबई की गिट्टी का उपयोग करना अनिवार्य है। पहले तो जर्जर सड़क की साफ सफाई करानी होती है। उसके बाद गिट्टी डालकर लेवल में लेना होता है। सड़क लेवल में न आने पर छोटी गिट्टी का उपयोग कर बराबर में लाना आवश्यक होता है। सड़क के लेवल में आने के बाद उस पर मानक के अनुसार 35 मीटर की दूरी में 30 किलोग्राम डामर का तारकोल बनाकर छिड़काव कराकर 2 सेंटीमीटर गिट्टी का पीसी कोट डालकर रोलर से बराबर करवाना होता है। पीसी कोट के बाद पुनः सील कोट करवाना होता है। 

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