Unnao: लोन नदी की दुर्दशा का यूपीपीसीबी ने लिया संज्ञान, रिपोर्ट तलब, कानून के तहत कार्रवाई के हुए निर्देश

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Published By Deepak Shukla
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उन्नाव, अमृत विचार। जिले की प्रमुख और गंगा की सहायक नदी लोन की दुर्दशा इन दिनों किसी से छिपी नहीं है। इसे दही औद्योगिक क्षेत्र में संचालित टेनरियों व स्लाटर हाउसों द्वारा प्रदूषित व केमिकलयुक्त पानी पहुंचाकर जहरीला बनाया जा रहा है। नदी की इस दुर्दशा पर स्थानीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी भी मौन हैं। इसे लेकर अमृत विचार डॉट कॉम ने खबर को प्रमुखता से चलाया था। खबर का संज्ञान लेते हुए उप्र प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने क्षेत्रीय अधिकारी से मामले की जांच कर रिपोर्ट देने और कानून के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं। 

बता दें, कि दही औद्योगिक क्षेत्र अंतर्गत साइड-1 व 2 में सैकड़ों छोटी-बड़ी फैक्ट्रियां संचालित हो रही हैं। इनमें कुछ प्रमुख स्लाटर हाउस और टेनरियां भी हैं। जो स्थानीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड में तैनात अधिकारियों की मिलीभगत से औद्योगिक क्षेत्र के बीच से निकली लोन नदी को जहरीला बना रहे हैं। विभागीय अफसरों व कामन इन्फ्लुएंट ट्रीटमेंट (सीइटीपी) के जिम्मेदारों की लापरवाही से लोन नदी के आसपास के गावों में लोगों को गंभीर बीमारियां तक हो रही हैं। 

साथ ही लोन नदी के सीधे गंगा में मिलने से यह जहरीला पानी गंगा नदी को भी प्रदूषित कर रहा है। इस प्रमुख समस्या को लेकर अमृत विचार डॉट कॉम ने प्रमुखता से खबर को चलाया था। खबर चलने के बाद इसका संज्ञान यूपीपीसीबी ने लिया और विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारियों से इसकी जांच कराकर कानून के अनुसार आवश्यक कार्रवाई करने और इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को देने के निर्देश दिये हैं।

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