राष्ट्रपति भवन के हॉल का नाम बदलने पर प्रियंका का कटाक्ष-सरकार के लिए दरबार नहीं, ‘शहंशाह’ का सिद्धांत है 

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Published By Jagat Mishra
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नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति भवन के ‘दरबार हॉल’ और ‘अशोक हॉल’ का नाम बदले जाने के बाद केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इस सरकार के लिए दरबार का नहीं, बल्कि ‘‘शहंशाह’’ का सिद्धांत है। राष्ट्रपति भवन के प्रतिष्ठित ‘दरबार हॉल’ और ‘अशोक हॉल’ के नाम बृहस्पतिवार को बदलकर क्रमश: ‘गणतंत्र मंडप’ और ‘अशोक मंडप’ कर दिए गए। इस बारे में पूछे जाने पर प्रियंका गांधी ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘दरबार का नहीं, शहंशाह का सिद्धांत है।’’ 

बता दें कि राष्ट्रपति भवन के प्रतिष्ठित ‘दरबार हॉल’ और ‘अशोक हॉल’ के नाम बृहस्पतिवार को बदलकर क्रमश: ‘गणतंत्र मंडप’ और ‘अशोक मंडप’ कर दिए गए। भारत के राष्ट्रपति का कार्यालय और निवास राष्ट्रपति भवन, राष्ट्र का प्रतीक और देश की एक अमूल्य धरोहर है। राष्ट्रपति सचिवालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘लोगों के लिए इसे और अधिक सुलभ बनाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। राष्ट्रपति भवन के माहौल को भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों और लोकाचार को प्रतिबिंबित करने वाला बनाने का लगातार प्रयास किया गया है।’’ बयान के अनुसार, इसी क्रम में राष्ट्रपति भवन के दो महत्वपूर्ण हॉल - ‘दरबार हॉल’ और ‘अशोक हॉल’ का नाम बदलकर क्रमशः ‘गणतंत्र मंडप' और ‘अशोक मंडप’ करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को प्रसन्नता है। ‘दरबार हॉल’ राष्ट्रीय पुरस्कारों की प्रस्तुति जैसे महत्वपूर्ण समारोहों और कार्यक्रम के आयोजन का स्थान है। 

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