Kanpur: अब ऊसर जमीन पर होगी धान की बेहतर पैदावार...CSA ने क्रॉप कैफेटेरिया में इसके लिए 6 प्रजातियों का किया प्रदर्शन

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर में सीएसए ने क्रॉप कैफेटेरिया में इसके लिए 6 प्रजातियों का किया प्रदर्शन

कानपुर, अमृत विचार। ऊसर जमीन पर बेहतर धान उत्पादन के लिए सीएसए कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने पहल करते हुए क्रॉप कैफेटेरिया में इस बार 18 तरह की प्रजातियों में 6 ऐसी प्रजातियां शामिल की हैं, जो ऊसर जमीन पर भी बढ़िया पैदावार दे सकती हैं। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का मानना है कि इन प्रजाति से जिले की 18 हजार हेक्टेयर ऊसर जमीन पर भी किसान धान की खेती कर सकेंगे।  

चंद्रशेखर आजाद (सीएसए) कृषि विश्वविद्यालय के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र में धान की विभिन्न प्रजातियों के प्रदर्शन के लिए क्रॉप कैफेटेरिया बनाया गया है। केंद्र के मृदा वैज्ञानिक डॉ. खलील खान ने बताया कि इस कैफेटेरिया से जनपद के किसानों को धान की फसल से संबंधित नवीनतम तकनीकी जानकारी प्राप्त हो सकेगी। 

यहां आकर किसान विभिन्न प्रजातियों का प्रदर्शन देखकर उसे उत्पादन के लिए प्राप्त कर सकते हैं। क्रॉप कैफेटेरिया में संकर प्रजातियों की 6, ऊसर सहनशील 6 तथा सामान्य भूमि के लिए धान की 6 प्रजातियों को रखा गया है। किसान अपने खेत और क्षेत्र के अनुकूल प्रजाति का चयन कर सकते हैं। क्रॉप कैफेटेरिया में पहली बार ऊसर जमीन के लिए 6 प्रजातियों को शामिल किया गया है।

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