बाराबंकी: रिकवरी या एफआईआर, डीएम लेंगे निर्णय, तैयार हो रही रिपोर्ट, जानें पूरा मामला
प्रशासक बन छह माह में किया था 13.80 करोड़ का भुगतान, पंचायत चुनाव के दौरान दिसंबर 2021 से मई 2022 तक एडीओ बने थे प्रशासक
रीतेश श्रीवास्तव/बाराबंकी, अमृत विचार। ढाई वर्ष पहले हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान नियुक्त हुए प्रशासकों द्वारा छह माह के अंदर ग्राम निधि से करीब 13 करोड़ 80 लाख रुपये से अधिक का भुगतान विकास कार्यों पर खर्च को लेकर फर्मों को किया था। इस बीच भारी-भरकम धनराशि खर्च होने में वित्तीय अनियमितताएं होने की संभावना जताई गई है।
इसे लेकर पंचायती राज निदेशक के निर्देश पर संबंधित ब्लॉक के ग्राम पंचायतों में जांच कराने के निर्देश दिए थे। पंचायत चुनाव के दौरान जिलाधिकारी द्वारा संबंधित ब्लॉक के एडीओ पंचायत को ही प्रशासक के रुप में नियुक्त किया गया था। चल रही जांच रिपोर्ट जल्द ही डीपीआरओ कार्यालय को मिलने के बाद जिलाधिकारी के समक्ष रखी जाएगी। दोषियों से रिकवरी होगी या फिर एफआईआर दर्ज की जाएगी। इस पर डीएम निर्णय लेंगे। इसे लेकर संबंधितों में हड़कंम मचा हुआ है।
जिले में 15 ब्लॉकों पर उस समय 1161 ग्राम पंचायतें थी। इन सभी ग्राम पंचायतों में वर्ष 2021 में दिसंबर माह में प्रधानों का कार्यकाल समाप्त हो गया था। जिसे लेकर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत प्रधानों का चुनाव कराने तक जिलाधिकारी द्वारा एडीओ पंचायत को इस उद्देश्य से बतौर प्रशासक के तौर पर नियुक्त किया गया था कि गांव के विकास कार्य या ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ पाने में दिक्कतें न हो सके। चुनाव काफी देरी से कराए गए थे।
इस बीच छह के लिए एडीओ प्रशासक बने रहे थे। गौर करने वाली बात यह रही कि इन प्रशासकों ने सचिवों के माध्यम से दिसंबर 2021 से लेकर मई 2022 तक यानी छह माह के भीतर ग्राम निधि के खाते से 13 करोड़ 80 लाख 97 हजार 531 रुपये की धनराशि खर्च कर डाली थी। यह भारी-भरकम धनराशि विकास कार्यों को लेकर फर्मों को करने की बात कही गई थी। 5 मई को प्रधान नियुक्त हुए थे और 25 मई को शपथ दिलाई गई थी।
इस बीच यह धनराशि 20 दिनों के अंदर खर्च कर फर्मों को भुगतान करने का मामला सामने आया था। ऐसे में बीस दिनों के अंदर फर्मों को भारी-भरकम धनराशि का भुगतान करने में वित्तीय अनियमितताएं होने की आशंका जताई गई थी। निदेशक पंचायती राज के निर्देश पर संबंधित ब्लॉकों पर डीपीआरओ की देखरेख में जांच की जा रही है। जिसकी रिपोर्ट दो-चार दिनों में डीपीआरओ कार्यालय को मिल जाएंगी।
इसके बाद धन हड़पने की रिपोर्ट जिलाधिकारी के समक्ष रखी जाएगी। दोषियों से रिकवरी होगी या फिर उन पर एफआईआर। इसका निर्णय डीएम लेंगे। बहरहाल जांच रिपोर्ट आने की सुगबुगाहट पर संबंधितों में हड़कंप मचा हुआ है। जिला पंचायत राज अधिकारी नितेश भोंडेले ने बताया कि एक हफ्ते में जांच रिपोर्ट मिल जाएगी। पूरी फाइल जिलाधिकारी के समक्ष रखी जाएगी। जिलाधिकारी द्वारा ही कार्रवाई की जाएगी। रिकवरी या फिर एफआईआर हो सकती है।
ब्लॉकवार भुगतान पर एक नजर
बनीकोडर-- 1,35,83,699
बंकी-- 1,49,77,387
दरियाबाद- 93,71,286
देवा-- 1,41,29,245
फतेहपुर- 2,50,60,852
हरख-- 59,09,451
मसौली--89,74,653
निंदूरा--1,28,86,533
पूरेडलई-- 20,95,461
रामनगर--39,97,008
सिद्धौर-- 7,70,3269
सि.गौसपुर--71,75,310
सूरतगंज- 99,79,772
त्रिवेदीगंज- 22,53,604
कुल योग-- 13 करोड़ 80 लाख रुपये
नोट:- हैदरगढ़ ब्लॉक में इस दौरान कोई भुगतान नहीं किया गया था।
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