Kolkata Rape Murder Case: CBI ने कोलकाता पुलिस के एएसआई की पॉलीग्राफ जांच शुरू की

Amrit Vichar Network
Published By Virendra Pandey
On

नयी दिल्ली, अमृत विचार। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक प्रशिक्षु चिकित्सक के बलात्कार और हत्या के मामले में गिरफ्तार संजय रॉय से कथित संबंधों का पता लगाने के लिए कोलकाता पुलिस के एएसआई अनूप दत्ता के ‘पॉलीग्राफ टेस्ट’ की प्रक्रिया बुधवार को शुरू कर दी। सीबीआई ने सहायक पुलिस उपनिरीक्षक दत्ता की पॉलीग्राफ जांच करने के लिए कोलकाता की एक अदालत से अनुमति ली थी। एजेंसी ने मामले में पहले भी दत्ता से पूछताछ की थी।

 दत्ता इस मामले में पॉलीग्राफ जांच का सामना करने वाले आठवें व्यक्ति हैं। अधिकारियों के अनुसार, कोलकाता पुलिस कल्याण समिति में तैनात दत्ता ने यातायात पुलिस स्वयंसेवी रॉय को कथित तौर पर कई फायदे पहुंचाये थे। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि क्या रॉय ने कथित तौर पर अपराध किए जाने के बारे में दत्ता को सूचित किया था और क्या उसने इस अपराध पर पर्दा डालने के लिए कोई मदद मांगी थी। उन्होंने कहा कि पॉलीग्राफ जांच में सामने आने वाली जानकारी का मुकदमे के दौरान सबूत के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता लेकिन एजेंसी इससे सबूत जुटा सकती हैं जिनका अदालत में इस्तेमाल किया जा सकता है। ‘पॉलीग्राफ’ जांच संदिग्धों और गवाहों के बयानों में विसंगतियों का आकलन करने में मदद कर सकती है। उनकी मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रियाओं - हृदय गति, सांस लेने के पैटर्न, पसीने और रक्तचाप की निगरानी करके जांचकर्ता यह निर्धारित कर सकते हैं कि उनकी प्रतिक्रिया में विसंगतियां हैं या नहीं। 

कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सेमिनार हॉल में 9 अगस्त को चिकित्सक का शव मिला था जिस पर गंभीर चोटों के निशान थे। रॉय को सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अगले दिन गिरफ्तार किया गया था जिसमें उसे घटना वाले दिन सुबह चार बजकर तीन मिनट पर सेमीनार हॉल में घुसते हुए देखा गया था। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर, रॉय से गहन पूछताछ की गई और पुलिस ने उसके बाएं गाल पर ‘हालिया चोटों’, बाएं हाथ में दो उंगलियों के बीच खरोंच, बाईं जांघ के पीछे खरोंच आदि को भी देखा, जो संघर्ष का संकेत देते हैं। अधिकारियों ने कहा कि आरोपी के वीर्य, बाल, नाखून आदि के नमूने जुटाए गए। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 13 अगस्त को मामले की जांच कोलकाता पुलिस से सीबीआई को हस्तांतरित करने का आदेश दिया था। सीबीआई ने 14 अगस्त को जांच अपने हाथ में ले ली। सीबीआई ने मामले की जांच संभालने के बाद अपराध के बारे में आगे की जानकारी प्राप्त करने के लिए रॉय, मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष, पीड़िता के साथ ड्यूटी पर मौजूद चार चिकित्सकों तथा रॉय की पॉलीग्राफ जांच भी कराई। 

यह भी पढ़ें: UP में Social Media इंफ्लुएंसर्स के लिए खुशखबरी, 8 लाख रुपये तक देगी योगी सरकार, बस करना होगा ये काम

 

संबंधित समाचार