प्रतापगढ़: मानधाता के धरमपुर में विकास कार्यों का फर्जीवाड़ा! जांच के आदेश

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Published By Vishal Singh
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गलत तरीके से जियो टैग कर मनरेगा श्रमिकों का करा लिया भुगतान 

प्रतापगढ़, अमृत विचार। मानधाता ब्लॉक के धरमपुर गांव में विकास कार्यों में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है। फर्जी तरीके से जियो टैग कर श्रमिकों का मनरेगा भुगतान करा लिया गया है। ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव की मिलीभगत से दूसरे गांव के लोगों को मजदूर दिखाकर मास्टररोल निकाला गया है। जिलाधिकारी को दिए गए शिकायती पत्र में आरोप है कि ग्राम प्रधान के रिश्तेदार, छात्र, मदरसा शिक्षक आदि के नाम फर्जी जॉब कार्ड बनाकर भुगतान किया जा रहा है। डीएम संजीव रंजन ने डीसी मनरेगा को मामले की जांच कर आख्या मांगी है।

मानधाता ब्लॉक के धरमपुर गांव निवासी मुख्तार अहमद पुत्र सब्बीर अहमद ने गुरुवार को जिलाधिकारी संजीव रंजन को शिकायती पत्र देकर ग्राम प्रधान सादिक अली उर्फ लल्लन, पंचायत सचिव द्वारा मनरेगा तकनीकी सहायक (जेई) की मिली भगत से विकास कार्यों में  धांधली का आरोप लगाया है। आरोप है कि वर्ष 2024-2025 में मनरेगा कार्यों में अनियमितता बरती गयी है। बंधा निर्माण कार्य में ग्राम प्रधान के भान्जे द्वारा फर्जी फोटो व मजदूर दिखाकर भुगतान किया गया है।  

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आरोप है कि सैज के खेत से जैन के बाग तक बंधा निर्माण कार्य में 18 अगस्त से 02 सितम्बर तक 53 मजदूरों का मास्टर रोल निकाला गया है। जिसमें धरमपुर गांव के एक भी मजदूर नहीं लगाये गये हैं। ग्राम प्रधान के बुआ, भान्जे, रिश्तेदारों, छात्रों व बाहर रहने वाले व्यक्तियों, मदरसे में पढ़ाने वाले शिक्षक आदि के नाम से फर्जी जॉब कार्ड बनाकर फर्जी भुगतान किया जा रहा है। जरूरत मन्द गरीब मजदूरों को काम पर ही नहीं लगाया जा रहा है। ग्राम प्रधान द्वारा अपनी बुआ को मुख्यमंत्री आपदा आवास दिया गया है। 

वर्ष 2023-24 में बिना किसी निर्माण के सम्पूर्ण धनराशि निकाल ली गई जबकि आवास नहीं बना है। वर्ष 2021-24 तक राज्य वित्त एवं केंद्रीय वित्त द्वारा जो भी कार्य कराये गए हैं बिना खुली बैठक व प्रस्ताव के फर्जी ढंग से कराये गए हैं। शिकायतकर्ता ने मामले में संयुक्त टीम गठित कर मामले की जांच कराकर सरकारी धन के वसूली और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की। जिलाधिकारी संजीव रंजन ने डीसी मनरेगा को मामले की जांच कर रिपोर्ट मांगी है।

निष्पक्ष जांच हुई तो बढ़ेगी मुश्किल
मनरेगा योजना के तहत धरमपुर ग्राम पंचायत में फर्जी निकासी कर वित्तीय अनियमितता किए जाने का मामला प्रकाश में आने के बाद खलबली मच गई है। शिकायती पत्र के साथ डीएम को फर्जीवाड़े के दस्तावेज भी दिए गए हैं। जिसमें यह दर्शाया गया है कि मनरेगा में कार्य करने वालों में छात्र,मदरसा शिक्षक व अन्य प्रांत में रहने वाले लोग भी शामिल हैं। यही नहीं मनरेगा मजदूरों में ग्राम प्रधान के भांजे, उनकी बुआ, प्रधान प्रतिनिधि व उनकी पत्नी, बेटी भी शामिल हैं। शिकायतकर्ता मुख्तार अहमद का कहना है कि मामले की निष्पक्ष जांच हुई तो ग्राम प्रधान,पंचायत सचिव आदि दोषियों की मुश्किल बढ़ेगी।

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