बाराबंकी : तेंदुआ, भेड़िया, सियार या कुत्ता नहीं पता बस कांबिंग जारी

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Published By Vinay Shukla
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रात भर अपनों की रखवाली में गुजर रही ग्रामीणों की रातें 

बाराबंकी, अमृत विचार। पौधरोपण में रिकार्ड बनाने में माहिर वन विभाग एक जंगली जानवर को अब तक खोज नहीं पाया है। आलम यह कि यह जानवर तेंदुआ, भेड़िया, सियार है या फिर खूंखार कुत्ता। दावों में कोई कमी नही है। विभाग के इन हवाई प्रयासों के बीच प्रभावित इलाकों के ग्रामीणों की आंखों से नींद गायब हो चुकी है। उनको अपनों की फिक्र इस कदर है कि खुद सोए बिना बच्चों की रखवाली के लिए हाथ में लाठी डंडा लेकर पहरेदारी कर रहे हैं।

जिन गांवों से होकर जानवर गुजरा या फिर हमला किया वहां के लोग डरे हुए हैं पर हिम्मत जुटाकर रात दिन इस अज्ञात हमलावर को तलाशने में लगे हुए हैं, शायद उन्हे भी यकीन हो चला है कि अब विभाग के भरोसे रहने से कोई फायदा नहीं, बल्कि उन्हें ही मैदान में उतरना होगा। विभागीय कथन पूर्ववत ही है कि कांबिंग में टीमें लगी हुई हैं, जानवर की तलाश जारी है। 

रामनगर इलाके में मजबूत हाजिरी दर्ज करा चुका जंगली जानवर अब तलक नहीं मिल सका है जबकि एक सप्ताह से ऊपर गुजर गया वन विभाग की टीमें यहां पर लगातार सक्रिय हैं और पिंजरा तक लगाया जा चुका है। मजे की बात यह कि लगातार चल रहे ग्रामीणों को यह जानवर दिख चुका पर विभाग यह तक नहीं बता सका कि यह जानवर आखिर है काैन। क्षेत्र के ग्राम बिन्दौरा परसपुर में एक व्यक्ति को जंगली जानवर दिखा। मंझौनी गांव में मंगलवार की रात लाठी डंडे लेकर घूम रहे लोगों को इसकी एक झलक दिखी।

ग्राम थालखुर्द में जानवर एक को घायल कर चुका है। जिले में चीफ कंजरवेटर घूम कर लौट गए, विभागीय टीमें लगातार सर्च कर रहीं पर जंगली जानवर वह चाहे तेंदुआ, भेड़िया, सियार हो या फिर खूंखार कुत्ता वन विभाग को नहीं दिखा है। विवश होकर ग्रामीणों ने खुद मोर्चा तो संभाला ही है वह सर्च में जुटी टीमों का पूरा साथ भी दे रहे। इसके बावजूद दहशत का आलम यह है कि शाम घिरते ही बड़े व बच्चे अपने घरों में कैद हो जा रहे, परिवार के अन्य सदस्य सोते हैं तो बाकी सदस्य हाथ में लाठी डंडा लिए रात भर जाग रहे। 

सतरिख क्षेत्र में जंगली जानवर के एक बच्ची पर हमले के बाद से क्षेत्र के कई गावों में दहशत का माहौल बना हुआ है। दहशत के कारण ग्रामीण अपने खेतो तक भी नहीं जा रहे। हरख रेंज के गोछौरा गांव में मंगलवार को रिजवाना (13) पुत्री अहमद मोहल्ले की चांदनी के साथ खेतो में बकरी चराने के लिए गई हुई थी। उसी दौरान जंगली भेड़िया ने उस पर हमला कर दिया। जिससे रिजवाना को कई जगह चोटें आयीं। हालांकि इलाज के बाद बुधवार को रिजवाना अस्पताल से घर वापस आ गई।

जंगली जानवर के हमले से क्षेत्र के टिकरा उस्मा, टिकरा मुर्तज़ा, चंदौली, पनिहल, टेरा, बलछट, वैशपुर मानपुर, डेहवा, नेवली, बरौली मलिक आदि गावों में ग्रामीणों की रात जागते बीत रही। डर के कारण ग्रामीण दिन में भी अपने खेतो तक जाने से बच रहे। वन विभाग की टीम मौके पर गई और कुछ घंटो के लिए कांबिंग भी की पर कुछ हासिल नहीं हो सका। वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों के बयान भी दर्ज किए हैं। डीएफओ आकाशदीप वधावन का कहना है कि हमला करने वाले जानवर की तलाश लगातार टीमों द्वारा की जा रही है, पर अभी तक उसका कोई सुराग नहीं मिल सका है। ग्रामीणों के सहयोग से जानवर का पता लगाया जा रहा।

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