बहराइच: पूर्व मंत्री यासर शाह की गिरफ्तारी पर रोक से समर्थकों में खुशी, सपाई बोले- न्याय की हुई जीत
बहराइच, अमृत विचार। शहर निवासी सपा नेता व पूर्व मंत्री यासर शाह को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बड़ी राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। इससे उनके समर्थकों में खुशी है। पुलिस भर्ती का पेपर लीक होने सम्बंधी फर्जी पोस्ट मामले में न्यायालय ने यासर शाह को चेतावनी देते हुए ताकीद किया है कि वह भविष्य में सोशल मीडिया पर कोई सामग्री डालने को लेकर सतर्कता बरतें। यह आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने यासर शाह की याचिका पर पारित किया।
शहर के कोतवाली नगर के मोहल्ला काजीपुरा निवासी यासर शाह सपा नेता होने के साथ पूर्व कैबिनेट मंत्री है। यासर शाह सपा मुखिया अखिलेश यादव के काफी करीबी माने जाते हैं। उनके विरुद्ध लखनऊ के हसनगंज थाने में फर्जी पोस्ट करने का केस दर्ज है। उस मामले में पूर्व कैबिनेट पक्ष से दर्ज केस में हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। प्रभारी मीडिया सेल सत्येन्द्र कुमार द्वारा दर्ज कराई उक्त एफआईआर में तमाम सोशल मीडिया हैंडल्स को नामजद करते हुए आरोप लगाया गया है कि अभियुक्तों द्वारा पेपर लेएक की फर्जी अफवाह फैलाते हुए, पैसों की मांग की जा रही है।
उक्त एफआईआर में यासर शाह द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर किए गए ट्वीट की भी शिकायत की गई है, कहा गया है कि यूजर द्वारा भर्ती के पेपर लीक का असत्य कथन कहते हुए, अपमानजनक पोस्ट की गई है। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से याचिका का विरोध किया गया।
न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात पारित अपने आदेश में कहा कि मामले में याची की भूमिका सिर्फ एक ट्वीट तक सीमित है जो कि आपत्तिजनक हो सकता है लेकिन दूसरी तरफ हम संविधान में प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार को भी अनदेखा नहीं कर सकते।
इन टिप्पणियों के साथ न्यायालय ने याची को अंतरिम राहत दी, हालांकि विवेचना में कोई हस्तक्षेप नहीं किया है। यासर शाह के गिरफ्तारी पर रोक लगने से उनके समर्थकों में खुशी है। सपा जिलाध्यक्ष अधिवक्ता रामहर्ष यादव का कहना है कि न्याय की जीत हुई है। सपा नेता हाजी अब्दुल मन्नान, मीडिया प्रभारी अर्जुन गुप्ता समेत अन्य ने खुशी जताई है।
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