कुछ ऐसा है अयोध्या की सड़कों का हाल, बदहाल पड़ी धार्मिक स्थलों को जोड़ने वाली सड़क
सोहावल/अयोध्या, अमृत विचार: अयोध्या की सड़को पर से सड़क ही गायब हो गई है। सड़को पर बड़े-बड़े गढ्ढे हो गए हैं। इसपर कोई ध्यान देने वाला ही नहीं है। रौनाही गांव के उत्तर पवित्र सरयू के किनारे बने प्रसिद्ध जैन धर्म के दिगंबर और श्वेतांबर मंदिर ही नहीं अब तो धन्नीपुर की प्रस्तावित मस्जिद मुहम्मद बिन अब्दुल्लाह तक जाने का मार्ग एक ही है। हाइवे संख्या 27 से निकल कर थाने के बगल से इन धार्मिक स्थानों तक जाने वाली करीब 700 मीटर लंबी यह सड़क बदहाल है। गंदगी और गड्ढों से भरी इस सड़क से बुजुर्ग और बच्चे पैदल तक नहीं निकल पाते।
हर महीने, जैन धर्म का पालन करने वाले बहुत से लोग अपने प्रिय गुरु भगवान धर्मनाथ के दर्शन के लिए रत्नपुरी नामक एक विशेष मार्ग पर चलते हैं। यह स्थान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यहीं पर भगवान धर्मनाथ का जन्म हुआ था और उन्होंने बहुत समय पहले बहुत सी बातें सीखी थीं। अनुयायी स्वच्छ और पवित्र महसूस करने के लिए बिना कपड़ों के चलते हैं, लेकिन अब लोगों को यहां पर आने के लिए कई बार सोचना पड़ता है और मंदिर जाने के लिए दोबारा स्नान करना पड़ता है।
मंदिर के पुजारी चंद्र शेखर तिवारी कहते हैं सड़क के कारण ही पिछले दो वर्षो से धर्मावलंबी भक्तों का आना जाना कम हो गया है। एक तरफ राम मंदिर की वजह से अयोध्या का नाम हो रहा है और दूसरी ओर इसके परिक्षेत्र की सीमावर्ती मंदिरों तक आने जाने वाले भक्त बाहर जाकर, जो संदेश दे रहे उससे अयोध्या की छवि धूमिल हो रही है। गांव निवासी सोहराब खान हो या मोहन लाल गुप्ता आरोप लगाते हैं सड़क निर्माण के लिए कई बार तहसील दिवस पर जिला अधिकारी को ज्ञापन दिया गया, लेकिन जिम्मेदारों ने नजरंदाज कर दिया। जबकि यहां सभी धर्मों के लोग सौहार्दपूर्ण ढंग से रहते आ रहे हैं। उनका कहना है कि प्रशासन एक पक्षीय भूमिका निभा रहा है।
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