Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष के प्रथम दिन पितरों का गंगा में किया गया तर्पण...पंडिताें को दान दक्षिणा भी दी

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Published By Nitesh Mishra
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पितृ पक्ष में पितरों को तर्पण और पिंडदान करना होता है शुभ

उन्नाव, अमृत विचार। बुधवार से शुरू हुए पितृ पक्ष के पहले दिन उन्नाव विभिन्न गंगा तटों पर श्रद्धालुओं ने गंगा में खड़े होकर अपने पितरों का तर्पण कर पूर्वजों से आशीर्वाद लिया। पंडितों ने विधि-विधान से तर्पण कराया, जिसके बाद श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया। जिसके बाद पंडितों को दान दक्षिणा भी दी गई। 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार उदया तिथि पर गंगा तट पर पितरों को पिंडदान और जल का तर्पण करने से पूर्वजों को शांति मिलती है। यह परंपरा अनादि काल से चली आ रही है। पितृ पक्ष में पितरों को तर्पण करना और पिंडदान करना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि अगर मृत्यु के समय गंगा की एक बूंद व्यक्ति के मुख में डाल दी जाए, तो वह सीधे स्वर्ग पहुंचता है। 

महाभारत में भीष्म पितामह ने युधिष्ठिर को श्राद्ध के बारे में जानकारी दी थी। मान्यता है कि श्राद्ध की परंपरा का प्रारंभ अत्रि मुनि ने किया था, और महर्षि निमि ने इसे आगे बढ़ाया था। इसके बाद कई अन्य ऋषियों ने भी श्राद्ध करने की प्रक्रिया को अपनाया और पितरों को अन्न व जल का भोग लगाने लगे। जो परंपरागत तरीके से आज भी हिंदुओं में चली आ रही है। इस दौरान गंगा तटों पर सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस प्रशासन भी मौजूद रहा। इस अवसर पर पालिका द्वारा गंगा तटों पर सफाई का विशेष ध्यान रखा गया।

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