पीलीभीत : पीटीआर में तेंदुआ की मौत..आपसी संघर्ष की आशंका, पैनल से कराया पोस्टमार्टम
पीलीभीत, अमृत विचार: पीलीभीत टाइगर रिजर्व में वनकर्मियों को गश्त के दौरान एक घायल तेंदुआ पड़ा मिला। सूचना मिलते ही टीम मौके पर पहुंची, तब तक तेंदुए की मौत हो चुकी थी। पशु चिकित्सकों के तीन सदस्यीय पैनल द्वारा तेंदुए के शव का पोस्टमार्टम किया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही तेंदुए की मौत का कारण स्पष्ट हो सकेगा। हालांकि वन अफसर प्रथम दृष्टया मिले साक्ष्य के आधार पर तेंदुए की मौत बाघ के हमले में होने की बात कह रहे हैं।
घटना गुरुवार को पीलीभीत टाइगर रिजर्व की हरीपुर रेंज में हुई। वन कर्मियों की टीम गश्त कर रही थी। गश्त के दौरान ही एक तेंदुआ साइकिल सवार वन वॉचर पर झपट पड़ा। अचानक हुए हमले से वन वॉचर भाग खड़ा हुआ। बताते हैं कि हमले के तुरंत बाद ही तेंदुआ भी एक तरफ लुढ़क गया। वन वॉचर ने तत्काल इसकी सूचना रेंज कार्यालय को दी। उच्चाधिकारियों को भी इसकी जानकारी दी गई। डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने टीम को तत्काल मौके पर भेजा। टीम में शामिल पीटीआर के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. दक्ष गंगवार हरीपुर रेंज पहुंचे। वन अफसरों के मुताबिक जब टीम जब तक मौके पर पहुंची तब तक तेंदुए की मौत हो चुकी थी।
जांच पड़ताल में तेंदुआ घायल पाया गया। उस दौरान तेंदुए की मौत आपसी संघर्ष में होने की बात कही जा रही थी। तेंदुए के शव को देर शाम पीटीआर मुख्यालय लाकर फ्रीजर में रखा गया। इधर शुक्रवार को एनटीसीए की गाइडलाइन के मुताबिक तेंदुए के शव का पोस्टमार्टम पशु चिकित्सकों की तीन सदस्यीय टीम द्वारा किया गया। पोस्टमार्टम सामाजिक वानिकी प्रभाग की की एक नर्सरी में किया गया। पैनल में पशु चिकित्साधिकारी न्यूरिया डॉ. उमेश सिंह, पशु चिकित्साधिकारी जहानाबाद डॉ. नरेंद्र सिंह, पशु चिकित्साधिकारी पीटीआर डॉ. दक्ष गंगवार के के अलावा उप प्रभागीय वनाधिकारी रमेश चौहान, वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के निदेशक अरुण कुमार, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी नरेश कुमार, ग्राम प्रधान लालाराम शामिल रहे