Kanpur: मुसलमानों को एक प्लेटफार्म पर लाने की मुहिम; पर्सनल लॉ बोर्ड ने उतारी उलेमाओं की टीम, बताई इस्लाम की खूबियां

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Shukla
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जमीर सिद्दीकी, कानपुर। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ मुहिम में 6 करोड़ मुसलमानों का समर्थन मिलना बड़ी सफलता मान रहा है। अब बोर्ड को लग रहा है कि अगर कोशिश की जाए तो मसलकों को भुलाकर अपने हक के लिए मुसलमान आसानी से एक प्लेटफार्म पर आ सकते हैं। इसी प्रयास को आगे बढ़ाते हुए बोर्ड ने दर्जनों उलेमा को मैदान में उतार दिया है, जो अपने वीडियो जारी करके मुसलमानों को एक धागे में पिरोने की कोशिश कर रहे हैं। 

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी के अलावा मौलाना फजलुर्रहीम मुजद्दी, मौलाना सैयद जलालुद्दीन उमरी, मौलाना उबैद उल्लाह आजमी, सैयद सआदत उल्लाह हुसैनी, डॉक्टर सैयद कासिम रसूल इलियास, मौलाना अबू तालिब रहमानी, डॉक्टर मोहम्मद यासीन कासमी और डॉक्टर वकार उद्दीन कासमी के वीडियो में इस्लाम के बारे में पूरी जानकारी देकर बताया जा रहा है कि अगर मुसलमान मसलकों को भुलाकर एक नहीं होंगे तो इससे  बड़ा नुकसान होगा। 

देश में सबसे बड़ी तंजीम ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड है, इसलिए उसके बैनर तले सब एक हो जाएं। अभी तक मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जनता के बीच जाने के बजाए अपनी बैठकें करता था और किसी शरई मामले में आने वाली परेशानियों से कैसे निपटना है, इस पर रणनीति तय करता था लेकिन यह पहली बार है, जब बोर्ड ने अपनी  गतिविधियों को मुसलमानों तक पहुंचाने के लिए  नामवर उलेमा को कमान सौंपी है। ये उलेमा  मुसलमानों को वक्फ संशोधन बिल के साथ अन्य मसलों से होने वाली दिक्कतें बताकर एक प्लेटफार्म पर आने की अपील कर रहे हैं।

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