देहरादून: उत्तराखंड: स्टेट डाटा सेंटर पर साइबर हमले का असर, ई-डीपीआर योजना पर संकट

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Published By Bhupesh Kanaujia
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देहरादून, अमृत विचार। उत्तराखंड के लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) की ई-डीपीआर योजना पर हाल ही में हुए साइबर हमले का गंभीर प्रभाव पड़ा है। इस हमले में राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एनआईसी) द्वारा ई-डीपीआर के लिए की गई सभी तैयारियां और फीडबैक गायब हो गए हैं।

कई प्रयासों के बावजूद, इन महत्वपूर्ण जानकारियों को पुनः प्राप्त नहीं किया जा सका, जिससे एनआईसी और लोनिवि के अधिकारियों में चिंता का माहौल है। ई-डीपीआर योजना की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए एक नया पोर्टल तैयार किया जा रहा था, जिसमें लोनिवि और अन्य विभागों के सुझावों को शामिल किया गया था।

जब पोर्टल के लिए बदलाव किए जा रहे थे, तभी अचानक वायरस के हमले ने दस्तक दी। इसके चलते, ई-डीपीआर के लिए किए गए महत्वपूर्ण सुधार गायब हो गए हैं। फिलहाल, केवल पुराना वर्जन ही रिस्टोर किया जा सका है, जबकि नवीनतम करेक्शन वर्जन खो गया है।

डीपीआर तैयार करने की प्रक्रिया

लोक निर्माण विभाग में 54 डिवीजन हैं, जिनमें हर साल औसतन 5,400 से अधिक डीपीआर तैयार होती हैं। यह प्रक्रिया अधिशासी अभियंता से लेकर मुख्य अभियंता तक जाती है, और अंततः शासन के सचिव के पास फाइल भेजी जाती है। इस प्रक्रिया में समय और कागजी कार्रवाई की आवश्यकता होती है।

ई-डीपीआर व्यवस्था को सिंचाई विभाग और ग्रामीण अभियंत्रण विभाग में भी लागू करने का आदेश दिया गया था, जिसे 16 सितंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। ई-डीपीआर से कार्य में तेजी आएगी, पारदर्शिता बढ़ेगी, और जवाबदेही सुनिश्चित होगी।

हालांकि, हालिया साइबर हमले के कारण इस योजना में बाधा आई है, लेकिन अधिकारियों को उम्मीद है कि इसे जल्द ही पुनर्स्थापित किया जाएगा।

— दीपक यादव, विभागाध्यक्ष लोनिवि

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