Kanpur: कुशाग्र हत्याकांड में वादी से हुई जिरह, उच्च न्यायालय ने एक वर्ष में विचारण पूरा करने का दिया आदेश
कानपुर, अमृत विचार। आचार्य नगर के कुशाग्र हत्याकांड में वादी से जिरह अपर जिला जज 17 त्रिपुरारी मिश्रा की कोर्ट में हुई। 53 पेज तक जिरह अंकित होने पर भी अभी खत्म नहीं सकी है। कोर्ट ने बचाव पक्ष के अधिवक्ता से कहा कि समय से जिरह पूरी करना सुनिश्चित करें।
आचार्य नगर निवासी कपड़ा कारोबारी मनीष कनोडिया के बेटे कुशाग्र की 30 अक्टूबर 2023 को अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी। घटना की रिपोर्ट कुशाग्र के दादा संजय कनोडिया ने दर्ज कराई थी। पुलिस ने मामले में कुशाग्र की ट्यूशन टीचर रचिता वत्स, प्रभात शुक्ला और शिवा गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जिला शासकीय अधिवक्ता दिलीप अवस्थी ने बताया कि तीनों अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल हो चुका है।
रचिता वत्स को उच्च न्यायालय से जमानत मिल चुकी है। रचिता को जमानत देने वाले आदेश में उच्च न्यायालय ने मुकदमे का विचारण एक साल में पूरा करने का आदेश दिया है। कहा है कि विचारण न्यायालय से हर 15 दिनों मे विचारण की स्थिति जिला जज न्यायालय को प्रेषित की जाए। शुक्रवार को बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने वादी से जिरह की। न्यायालय का समय समाप्त होने के कारण जिरह स्थगित की गई।
अभी जिरह जारी है। इस पर अभियोजन ने आपत्ति दर्ज कराई। कहा कि नौ तारीख में एक गवाह से जिरह पूरी नहीं हो सकी है। 11-12 गवाहों की गवाही और जिरह होनी है। ऐसे में एक साल के अंदर विचारण पूरा करने में व्यवधान आएगा। इस पर अदालत ने कहा कि जिरह के लिए 23 अक्टूबर की तारीख तय की जाती है। उस दिन बचाव पक्ष के अधिवक्ता दोपहर दो बजे तक जिरह के लिए उपस्थित रहें।