Lucknow University: इंसान और चूहे की मस्तिष्क संरचना में काफी समानताएं, स्टडी में हुए कई खुलासे 

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Published By Muskan Dixit
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लविवि में आयोजित जीवविज्ञानी सम्मेलन में वैज्ञानिकों ने रखे विचार

लखनऊ, अमृत विचार: मानव और चूहे की मस्तिष्क की संरचना में काफी समानताएं हैं। मनुष्य की तरह ही चूहे का मस्तिष्क भी अलग-अलग परिस्थितियों में समान व्यवहार करता है। भय, चिंता और प्रसन्नता जैसी स्थिति में चूहे का मस्तिष्क मनुष्य जैसी ही प्रक्रिया करता है। यही कारण है कि ज्यादातर प्रयोग चूहे पर वैज्ञानिक करते आ रहे हैं। विकावादी जीववैज्ञानिक और अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान पटना के डॉ. आशुतोष कुमार ने लखनउ विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में कही। विश्वविद्यालय के एपीसेन हॉल में करीब 200 देश-विदेश के वैज्ञानिकों का सम्मेलन सम्पन्न हो गया।

सम्मेलन में डॉ. आनंद कृष्णन ने विभिन्न प्रकार के तोतों की भाषा के बारे में बात बताया। डॉ. प्रवीण वर्मा ने पौधों के बीच मेथनॉल सिग्नलिंग के बारे में बताया उन्होंने बताया कि पौधे और कीड़े आपस में संवाद करते हैं। डॉ. नारायण शर्मा ने बताया कि शहरी पारिस्थितिकी तंत्र कैसे विकसित हो रहे हैं और जानवर कैसे अनुकूलन कर रहे हैं। प्रो. संजय साने ने बताया कि दीमक कैसे अपने घरों को पहचानते हैं और बनाते हैं। उन्होंने उन रसायनों के बारे में बात की जो इन अंतःक्रियाओं में मध्यस्थता करते हैं। डॉ. शम्पा घोष ने बताया कि कैसे लंबे समय तक तापमान के संपर्क में रहने से फल मक्खियों का व्यवहार और संरचना नियंत्रित होती है।

इन वैज्ञानिकों ने रखे विचार

भारतीय विकासवादी जीवविज्ञानी समाज के वार्षिक सम्मेलन में प्रो. एलएस शशिधर ने कहा कि कीटों में पंख निर्माण की आनुवंशिकी संरचना होती है। एनसीबीएस के प्रो. संजय साने, केआइआइटी के डॉ. शम्पा घोष, जेएनसीएएसआर के डॉ. आनंद कृष्णन, डॉ. अन्नागिरी सुमना, डॉ. प्रवीण सी वर्मा और डॉ. नारायण शर्मा ने विभिन्न जीवों की क्रिया प्रणाली पर जानकारियां साझा किया। युवा शोधकर्ताओं प्राप्ति सत्पथी, पूर्णिमा कोवुरी, आबीर बसु, वैदेही शाह, आकाश अजय, तमाल रॉय, हर्ष कुमार, सुदीप्ता तुंग, हरिशंकर दुर्गा, पवन कुमार यादव और अंकना सान्याल ने बातचीत की।

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