Kanpur में एकता हत्याकांड: कारोबारी पति बोला- पत्नी को जिम ट्रेनर ने जिलाधिकारी कंपाउंड में ही मारा, उठाए ये गंभीर सवाल...
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सीबीआई जांच की मांग की, होगा सीन रिक्रिएट
कानपुर, अमृत विचार। कोतवाली थानाक्षेत्र में सिविल लाइंस में शेयर कारोबारी आलोक गुप्ता की पत्नी एकता गुप्ता की जिम ट्रेन विमल सोनी ने कार में नाक में पंच मारकर रस्सी के सहारे गला घोंट दिया था। इसके बाद उसके शव को किसी की मिलीभगत से जिलाधिकारी कंपाउंड में स्थित आफिसर्स क्लब के अंदर आठ फीट गड्ढा खोदकर दफना दिया गया था।
पुलिस द्वारा रची गई इस कहानी को लेकर पीड़ित पति आलोक गुप्ता कतई सहमत नहीं दिख रहे हैं। पति के अनुसार हत्यारोपी विमल सोनी के बयान पर उनकी पत्नी के चरित्र पर उंगली उठा दी। लेकिन, पुलिस के पास इस संबंध में कोई सबूत नहीं हैं। पति ने दावा किया कि उनकी पत्नी की हत्या जिलाधिकारी कंपाउंड में ही की गई होगी।
इतने कड़े पहरे में जहां सभी न्यायिक और प्रशासनिक अधिकारी रहते हो वहां फावड़े से गड्ढा खोदकर शव दफनाना गले के नीचे नहीं उतर रहा है। इसमें जरूर कोई न कोई अंदर का मिला है। जिस कारण पुलिस ने जल्दबाजी में फर्जी खुलासा कर दिया। उन्होंने कहा कि अभी तक इंसाफ नहीं मिला है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सीबीआई जांच की मांग की है। वहीं अपर पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था हरीश चंदर का कहना था कि इस घटना के बाद जल्द क्राइम सीन रिकंस्ट्रक्ट होगा।
शेयर कारोबारी बोले- मैं संतुष्ट नहीं हूं
पत्नी एकता गुप्ता की हत्या के बाद फजीहत से बचने के लिए आनन-फानन में खुलासा कर टीम को एक लाख रुपये का इनाम दे दिया गया।लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि शहर के सबसे सुरक्षित जगह जिलाधिकारी कंपाउंड में ले जाकर हत्या करने या फिर केवल लाश छिपाने में किसी ने कोई रोक टोक क्यों नहीं की। जब जिस स्थान पर शव मिला ठीक उसके बाहर पुलिस तैनात रहती है।
हत्यारे विमल सोनी को किसने अंदर दाखिल कराया। कारोबारी पति आलोक गुप्ता का कहना था कि हत्या करने के बाद शव को दफनाना बहुत चुनौतीपूर्ण है। 8 फीट का गड्ढा खोदना आसान नहीं है। मैंं पुलिस से कतई संतुष्ट नहीं हैं। पति का आरोप है, कि पुलिस को यह तक नहीं मालूम कि शव किन परिस्थितियों में वहां पर दफनाया गया। क्योंकि उसे वहां की सारी गतिविधियां मालूम थीं। इसलिए हो न हों उसने अंदर के किसी व्यक्ति का सहारा लिया है।
पुलिस ने कहा दोनों में संबंध थे, मैं खंडन कर साक्ष्य मांगता हूं
कारोबारी पति का कहना था कि पुलिस ने दोनों के बीच संबंध बताया। इस पर उनका कहना था कि मैं इस बात का पूरी तरह से खंडन करता हूं। अगर दोनों के संबंध थे तो पुलिस उनको साक्ष्य दे। आपस में उनकी कोई चैटिंग हो या फिर कोई और सबूत हो तो दें। पुलिस ने तो हत्यारोपी विमल के बयान के आधार पर पूरा खुलासा कर दिया। लेकिन वह संतुष्ट नहीं हैं। वह खुद को बचाने के लिए बयान दे रहा है।
गलत बात का विरोध किया तभी पत्नी को मारा
पीड़ित पति का एक दम स्पष्ट कहना था कि वो कोई रिश्तेदार तो था नहीं वो तो जिम ट्रेनर था। कहीं न कहीं, किसी गलत बात का पत्नी एकता ने विरोध किया तभी उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने दोनों में प्रेमप्रसंग निकाल दिया। ये सब बातें पूरी तरह से गलत हैं। ऐसे मत कहें नहीं तो पत्नी की आत्मा को शांति नहीं मिलेगी। विश्वासघात में केवल पत्नी की हत्या की है।
दबाव बनाने पर राजी नहीं हुई होगी तब दिया वारदात को अंजाम
पति आलोक गुप्ता का कहना था कि ग्रीन पार्क में जिम होने के कारण शहर के बड़े न्यायिक अधिकारी, पुलिस अधिकारी, कारोबारी और बहुत से रसूखदार आते हैं। यहां उसके सभी से अच्छे संबंध है। इसी का फायदा उठाकर वह अपने मन का करता था। भरोसेमंद सूत्रों ने बताया कि कई बड़े घरानों की महिलाओं से भी उसके अच्छे संबंध थे। पति का कहना था कि जिम ट्रेनर विमल सोनी जरूर एकता पर दबाव बना रहा होगा। वह इस बात के लिए राजी नहीं हुई। उसके साथ जोर-जबरदस्ती करने का प्रयास किया होगा। विरोध करने पर जिम ट्रेनर ने मारना ही जरूरी समझा।
ये था मामला
रायपुरवा थानाक्षेत्र के शक्कर मिल खलवा निवासी विमल सोनी ग्रीन पार्क की एक बड़ी जिम का ट्रेनर है। सिविल लाइंस के शेयर कारोबारी राहुल गुप्ता की पत्नी एकता इस जिम में जाती थी। 24 जून की सुबह एकता जिम में गई थी, लेकिन घर नहीं पहुंची। इसी दिन से जिम ट्रेनर भी लापता हो गया। पति राहुल गुप्ता ने कोतवाली थाने में पत्नी के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने चार महीने बाद जिम ट्रेनर विमल सोनी को गिरफ्तार किया तो चौंकाना वाला खुलासा हुआ था।
पोस्टमार्टम में स्कैलेटन रखा गया
पोस्टमार्टम हाउस के प्रभारी डॉ नवनीत चौधरी ने बताया कि पोस्टमार्टम में महिला का स्कैलेटन सुरक्षित किया गया। इससे डीएनए जांच होगी। वहीं पैनल से किए गए पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका। इसमें शरीर की पूरी हड्डियां भी पुलिस को मौके से नहीं बरामद हुईं। इसका सैंपल विधि विज्ञान प्रयोगशाला को भेजा गया।