Bareilly: सस्ते इलाज का दावा हवा हवाई, शासन से अब तक नहीं मिल पाया स्टोर कोड

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
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बरेली, अमृत विचार: सहकारी समितियों पर गांवों के लोगों को सस्ती कीमत पर जेनरिक दवाएं उपलब्ध कराने का दावा साल भर बाद भी पूरा नहीं हो पाया है। जिले में पांच साधन सहकारी समितियों (बी-पैक्स) को प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र खोलने के लिए चुना गया था लेकिन केंद्र से स्टोर कोड न मिलने की वजह से योजना पर क्रियान्वयन शुरू नहीं हो पा रहा है।

अफसरों का कहना है कि सभी पांच समितियों को ड्रग लाइसेंस जारी हो चुके हैं लेकिन स्टोर कोड नहीं मिलने की वजह से एक भी समिति पर जन औषधि केंद्र शुरू नहीं हो सका है। सहकारिता विभाग ने वैसे तो कई साल पहले ग्रामीण क्षेत्रों की जनता को सहकारी समितियों पर सस्ती कीमत पर जेनरिक दवाएं उपलब्ध कराने का सपना दिखाया था लेकिन लंबे इंतजार के बाद इस पर क्रियान्वयन पिछले साल शुरू हुआ। शासन ने प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र शुरू करने के लिए नवाबगंज की सतुईया खुर्द, आंवला की अलीगंज, आंवला पूर्वी, बहेड़ी की फिरोजपुर और मीरगंज की गुलड़िया समिति का चयन किया था।

इन पांचों साधन सहकारी समितियों पर जेनरिक दवाएं उपलब्ध कराने की योजना अब तक फाइलों में अटकी पड़ी है। अब तक एक भी समिति पर जनऔषधि केंद्र नहीं खुल सका है। विभाग का कहना है कि पांचों समितियों ने पिछले साल ही आवेदन किया था। इन सभी को विभाग ने स्वीकृति भी दे दी है। समितियों के आवेदन पर चार समितियों को दवा बेचने के लिए ड्रग लाइसेंस भी दिया जा चुका है लेकिन स्टोर कोड न मिलने की वजह से मामला अटका हुआ है। विभाग के मुताबिक स्टोर कोड शासन से ही आवंटित होने हैं।

पिछले साल शासन ने जिले की पांच समितियों को जन औषधि केंद्र खोलने की स्वीकृति प्रदान कर दी थी। चार समितियों को ड्रग लाइसेंस भी जारी हो चुका है लेकिन पत्राचार करने के बाद भी अब तक स्टोर कोड नहीं मिल सका है। इसी वजह से समितियों पर जन औषधि केंद्र नहीं शुरू हो पा रहे हैं- ब्रजेश सिंह, एआर को-आपरेटिव।

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