भाजपा को ‘‘बांग्लादेशी घुसपैठ का विमर्श’’ स्थापित करने में मदद को झारखंड में ईडी की छापेमारी

Amrit Vichar Network
Published By Vinay Shukla
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अमृत विचार, रांची : झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने राज्य विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण से एक दिन पहले मंगलवार को ईडी द्वारा राज्य के कई स्थानों पर की गई छापेमारी के लिए भाजपा नीत केंद्र की आलोचना की और आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसी की यह कार्रवाई ‘‘भाजपा को बांग्लादेशी घुसपैठ का विमर्श स्थापित करने में मदद करने का एक प्रयास है।

’’ आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बांग्लादेशी नागरिकों की कथित अवैध घुसपैठ से जुड़े धन शोधन की जांच के सिलसिले में पश्चिम बंगाल और चुनावी राज्य झारखंड में मंगलवार को कई स्थानों पर छापे मारे। झामुमो के प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा, ‘‘झारखंड में मतदान से ठीक एक दिन पहले ईडी की कार्रवाई कुछ और नहीं बल्कि एक गलत विमर्श स्थापित करने और लोगों को गुमराह करने की एक कोशिश है। यह भाजपा को चुनाव में बांग्लादेशी घुसपैठ का उसका विमर्श स्थापित करने में मदद करने का एक प्रयास भी है। भाजपा अपने अभियान में सफल नहीं होगी और चुनाव में उसे करारा जवाब मिलेगा।’’ झारखंड की 81 में से 43 विधानसभा सीट पर बुधवार को पहले चरण में मतदान होगा।

झामुमो नीत सरकार की सहयोगी झारखंड कांग्रेस ने आरोप लगाया कि ईडी की कार्रवाई ‘‘राज्य में भाजपा का राजनीति आधार बचाने का अंतिम प्रयास’’ है। कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा, ‘‘ईडी की यह छापेमारी बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए नहीं है, बल्कि राज्य में भाजपा का राजनीतिक आधार बचाने का एक अंतिम प्रयास है।’’ उन्होंने दावा किया कि राज्य की जनता ‘‘इन सभी चालों को समझ चुकी है और भाजपा को करारा जवाब देगी।

’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि झारखंड की सीमा बांग्लादेश से नहीं लगती। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘‘भाजपा शासित असम की सीमा बांग्लादेश से लगती है। इसलिए मेरा मानना ​​है कि उन्हें झारखंड के बजाय पहले असम में छापेमारी करनी चाहिए।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा को भाजपा द्वारा ‘‘मतों का ध्रुवीकरण’’ करने के लिए झारखंड भेजा गया था, लेकिन ‘‘पार्टी इसमें सफल नहीं होगी।’’ झारखंड चुनाव के लिए भाजपा के सह-प्रभारी शर्मा पार्टी के उम्मीदवारों के लिए राज्य में प्रचार कर रहे हैं।

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