Kannauj: आधी-अधूरी व भ्रामक जानकारी पर तहसीलदार तिर्वा व डीपीओ को भी नोटिस

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Published By Nitesh Mishra
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कन्नौज, अमृत विचार। जन सूचना अधिकारियों की ओर से जानकारी न देने, भ्रामक व अधूरा ब्योरा देने से राज्य सूचना आयोग में मामले बढ़ रहे हैं। प्रथम अपीलीय अधिकारियों की ओर से भी ध्यान न देने या उनकी बात न मानने पर लोग लखनऊ तक की दौड़ लगा रहे हैं। इसी वजह से पीडी डीआरडीए, तहसीलदार तिर्वा व जिला प्रोबेशन अधिकारी तलब किए गए हैं।

दरअसल, जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत पीडी डीआरडीए रामऔतार सिंह से विधायक व सांसद निधि व उसके खर्च होने के बारे में जानकारी मांगी गई थी। नियत समय पर जानकारी नहीं दी तो प्रथम अपील सीडीओ से की गई। वहां से भी राहत नहीं मिली तो वादी ने राज्य सूचना आयोग की शरण ली।

दूसरी ओर तहसीलदार तिर्वा अवनीश सिंह से भी मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के आवेदनों आदि पर ब्योरा मांगा गया था। उन्होंने भी इस पर ध्यान नहीं दिया। जब प्रथम अपील एडीएम आशीष सिंह के यहां हुई और उसका भी समय समाप्त हुआ तो भ्रामक व अधूरी जानकारी मुहैया कराई गई।

तीसरा मामला जिला प्रोबेशन अधिकारी इरा आर्या का है जो इन दिनों अवकाश पर चल रहीं हैं। उन्होंने भी कुछ बिंदुओं पर अस्पष्ट जानकारी दी है। प्रथम अपील कानपुर में होने के बाद स्पष्ट ब्योरा नहीं दिया। वादी ने तीनों मामलों को लेकर आयोग में दूसरी अपील की। अपील स्वीकार करते हुए तीनों अधिकारियों को 19 नवंबर को बुलाया है।

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