भाषा विश्वविद्यालयः आज पदक से नवाजे गए मेधावी, दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति देंगी छात्र-छात्राओं को 149 पदक

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Published By Muskan Dixit
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राज्यपाल, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री और और प्रख्यात वैज्ञानिक शिशिर सिंहा होंगे शामिल

लखनऊ, अमृत विचार: ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के 9वें दीक्षांत समारोह में 1430 डिग्रियां और 136 छात्र-छात्राओं को 149 मेडल दिए गए। शुभम कुमार सिंह ने चार, मोहम्म्द जबीहुल्ला ने तीन, रितु वर्मा और निकिता श्रीवास्तव ने दो-दो स्वर्ण पदक जीते। कुलाधिपति राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, उच्च शिक्षा मंत्री, राज्यमंत्री, कुलपति और मुख्य अतिथि ने छात्र-छात्राओं को 61 स्वर्ण , 45 रजत और 43 को कांस्य पदक दिए। मेडल प्राप्त करने में वालों में छात्राओं का प्रतिशत 64 और छात्रों का 36 रहा। राज्यपाल ने मुख्य अतिथि शिशिर सिन्हा को डी. लिट की मानद उपाधि से सम्मानित भी किया।

 Khwaja Moinuddin Chishti Language University

दीक्षांत समारोह की शुरुआत शोभा यात्रा से हुई। इसके बाद छात्र-छात्राओं ने वंदेमातरम् का गायन किया। कुलपति प्रो. नरेंद्र बहादुर सिंह ने विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की। मुख्य अतिथि शिशिर सिन्हा ने कहा कि दीक्षांत समारोह में प्रतिभाग करना गौरव का विषय है। विशिष्ट अतिथि के रूप में उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, राज्य मंत्री रजनी तिवारी, उपस्थिति रहे। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्य अतिथि शिशिर सिन्हा मौजूद रहे। संचालन नीरज शुक्ल ने किया। वित्त अधिकारी साजिद आजमी कुलसचिव डॉ. महेश कुमार, परीक्षा नियंत्रक डॉ भावना मिश्रा, दीप्ति मिश्रा, प्रो चन्दना डे, प्रो मसूद आलम, प्रो हैदर अली, प्रो तनवीर ख़दीजा उपस्थिति रहे।

विश्वविद्यालय के कुलपति ने बताया कि इस साल 2099 विद्यार्थियों का एडमिशन किया गया है। व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में सभी सीटें भरी जा चुकी हैं। विश्वविद्यालय ने 5 गांवों को भी गोद लिया हैं। उनमें शासन द्वारा निर्देशित विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।

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मेडल से अधिक महत्वपूर्ण है ज्ञान-राज्यपाल
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने छात्राओं द्वारा सर्वाधिक मेडल प्राप्त करने पर खुशी प्रगट की। उन्होंने कहा कि परिश्रम करना हमारा कर्तव्य है। अवॉर्ड से अधिक महत्वपूर्ण ज्ञान होता है, ज्ञान ही सदैव उपयोगी होता है। उन्होंने कहाकि छात्र-छात्राओं को लाइब्रेरी में उपलब्ध पुस्तकों का लाभ उठाना चाहिए। विवि में अलग अलग भाषाओं में लिखी गई पुस्तकों का अनुवाद होना चाहिए, युवा वर्ग को हमारे समृद्ध ज्ञान और कौशल से अवगत कराया जा सके। उन्होंने कहा कि विद्या वो है जो हमें बंधनों से मुक्त करे।

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शिक्षकों की पुस्तकों का विमोचन
कार्यक्रम में राज्यपाल ने शिक्षकों की पुस्तकों का विमोचन भी किया। उन्होंने महानिदेशक, सीपेट प्रो. शिशिर सिन्हा को डीलिट की मानद उपाधि प्रदान की। कार्यक्रम के दौरान शैक्षणिक भवन में 125 केवीए के सोलर पैनल का लोकार्पण और समर्थ ईआरपी का कार्यान्वयन भी किया गया। उपाधियों व अंकपत्रों का डिजी लॉकर में समावेश किया गया।

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खेलकूद में विजयी छात्र पुरस्कृत
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के गोद लिए गांवों के विद्यालयों में सांस्कृतिक व खेलकूद प्रतियोगिता में विजयी छात्र-छात्राओं को भी पुरस्कृत किया गया।आंगनबाड़ी केंद्रों में सांस्कृतिक व खेलकूद प्रतियोगिताओं में विजयी छात्रों को भी पुरस्कृत किया गया। स्कूलों के प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों को पुस्तकें भी भेंट की गई।

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आगामी सत्र से विभिन्न भाषाओं की शुरू होंगी कक्षाएं
भाषा विवि अगले सत्र से अवधी भाषा शोध पीठ स्थापित करने जा रहा है। इतना ही नहीं भारतीय भाषा पीठ के अंतर्गत तमिल, पंजाबी, बंगला, मराठी और गुजराती भाषाओं की भी पढ़ाई शुरू होगी। विश्वविद्यालय अभी तक 40 पॉलिसी और 54 संस्थानों से सहयोग समझौता कर चुका है। जिसमें नेपाल और भूटान से भी दो समझौते हुए है। विश्वविद्यालय अगले वर्ष से 10 सार्टिफिकेट कोर्सेज आरंभ करेगा। भाषा विवि लीगल एड क्लीनिक के माध्यम से आसपास के गांवों में लोगों को निःशुल्क सलाह दी जाएगी। भाषा विवि ने हिन्द मेडिकल कॉलेज के साथ कम्युनिटी क्लीनिक शुरू किया जायेगा।

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