UP: बिजली उत्पादन निगम व पारेषण निगम को भी निजी हाथों में देने की तैयारी, संघर्ष समिति ने उठाये सवाल
लखनऊ, अमृत विचार। पूर्वांचल व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण प्रक्रिया के बीच राज्य विद्युत उत्पादन निगम व पारेषण निगम को भी निजी हाथों में देने की तैयारी है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने शनिवार को यह आशंका जाहिर करते हुए कहा कि बिजली कर्मी निजीकरण कतई स्वीकार नहीं करेंगे।
संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि एक ओर प्रबंधन की ओर से यह कहा जा रहा है कि विद्युत अधिनियम 2003 के तहत कर्मचारियों की सेवा शर्तें प्रतिकूल नहीं होंगी, वहीं दूसरी ओर उत्पादन निगम व पारेषण निगम में कार्यरत अभियंताओं व कर्मचारियों को 50 प्रतिशत तक संयुक्त उपक्रम के मेजा एनटीपीसी व नवेली लिग्नाईट कारपोरेशन में भेजने की बात कही जा रही है। ऐसा कर प्रबंधन ने यह खुलासा कर दिया है कि वितरण के साथ ही उत्पादन निगम व पारेषण निगम का भी निजीकरण किये जाने का निर्णय है।
उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने की साजिश: अवधेश वर्मा
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने शनिवार को ऊर्जा निगमों के निजीकरण प्रकरण में प्रधानमंत्री को पत्र भेजा। पत्र में इस प्रकरण की जांच की मांग उठाई गई है। कहा गया है कि आरडीएसएस योजना के तहत लाइन लॉस घटाने व स्मार्ट प्रीपेड मीटर योजना में 20,415 करोड़ खर्च आवंटित किये गये हैं। कंपनियों को आत्म निर्भर बनाने के बजाय निजीकरण प्रक्रिया शुरू हो गई है।
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