IND vs AUS : जसप्रीत बुमराह में अच्छा कप्तान बनने के सभी गुण हैं, चेतेश्वर पुजारा ने की तारीफ

Amrit Vichar Network
Published By Bhawna
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नई दिल्ली। स्टार बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा का मानना है कि तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह में अच्छा कप्तान बनने के सभी गुण मौजूद हैं और भारत को रोहित शर्मा के इस पद से हटने के बाद उन्हें कप्तानी के दीर्घकालिक विकल्प के रूप में देखना चाहिए। बुमराह ने रोहित की अनुपस्थिति में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में अपने नेतृत्वकौशल का अच्छा नमूना पेश किया था और भारत को बड़ी जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। 

पुजारा ने ईएसपीएन क्रिकइंफो से कहा, इसमें कोई संदेह नहीं कि वह (दीर्घकालिक कप्तानी का व्यवहारिक विकल्प) हैं। भारत जब घरेलू धरती पर श्रृंखला में करारी हार झेलने के बाद ऑस्ट्रेलिया में पहला टेस्ट मैच खेल रहा था तब इन मुश्किल परिस्थितियों में उन्होंने अपने नेतृत्वकौशल की शानदार बानगी पेश की। उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि उनमें टीम का नेतृत्व करने की क्षमता है और वह एक टीम मैन हैं। आप उन्हें देखिए, वह कभी भी केवल अपने बारे में बात नहीं करते, वह टीम और अन्य खिलाड़ियों के बारे में बात करते हैं। भारत को न्यूजीलैंड के हाथों घरेलू श्रृंखला में 0-3 से हार का सामना करना पड़ा, जिससे लगातार तीसरी बार विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में जगह बनाने की उसकी उम्मीदों को भी काफी झटका लगा।

पुजारा ने कहा,कई बार ऐसा होता है जब खिलाड़ियों को सलाह की ज़रूरत नहीं होती और वह इसे स्वीकार करते हैं। उनका मानना है कि अगर कोई अनुभवी खिलाड़ी है तो वह शांत रहेगा। यह एक अच्छे कप्तान की निशानी है। इस स्टार बल्लेबाज ने बुमराह के बारे में आगे कहा, वह ड्रेसिंग रूम में खिलाड़ियों के साथ बहुत दोस्ताना व्यवहार करते हैं और मदद करने के लिए उत्सुक रहते हैं और बातचीत करने के लिए वह अच्छे इंसान हैं। क्रिकेट से इतर भी वह विनम्र हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ छह दिसंबर से एडिलेड में शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट मैच में रोहित शर्मा कप्तान के रूप में वापसी करेंगे। 


शाम के समय गुलाबी गेंद से खेलना चुनौतीपूर्ण होता है: पुजारा 
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच होने वाले दूसरे दिन रात्रि टेस्ट मैच को लेकर भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज चेतेश्‍वर पुजारा ने कहा कि लाल और गुलाबी गेंद में अंतर होता और शाम के समय गुलाबी गेंद से खेलना चुनौतीपूर्ण होता है। पुजारा ने कहा, जिसने भी गुलाबी गेंद से टेस्‍ट खेला है वह आपको बताएगा कि शाम के समय बल्‍लेबाजी करना सबसे मुश्किल होता है। उस समय रोशनी पूरी तरह से नहीं होती है, ना ही पूरा अंधेरा होता है उस समय स्‍टेडियम की लाइट जलाई जाती है और तब आपको थोड़ा कम दिखता है। उस समय बल्‍लेबाजों के लिए गुलाबी गेंद खेलना अधिक चुनौतीपूर्ण होता है। 

उन्होंने, आपने देखा होगा कि लाल गेंद अधिक चमकती नहीं होती है। इसमें पेंट की कुछ अधिक लेयर होती हैं, जो जल्‍दी से नहीं जाती है। जब आप लाल गेंद का सामना कर रहे हो तो यह आम लेदर गेंद है जो जल्‍दी से पुरानी हो जाती है। जबकि गुलाबी गेंद में अधिक समय तक चमक बनी रहती है। उन्होंने कहा, गुलाबी गेंद पर पेंट की अधिक लेयर होती हैं और जब यह पिच पर पड़ती है, सीम पर गिरती है या चमकीले हिस्‍से पर भी गिरती है तो इसमें थोड़ा अधिक जोखिम होता है। ऐसे समय में बल्‍लेबाज के तौर पर आपके पास कम समय होता है। आपके पास लाल गेंद खेलने जितना समय नहीं होता है और यही बड़ा अंतर है जिसमें ढलना होगा।

 

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