शाहजहांपुर: गैर इरादतन हत्या के मामले में पिता-पुत्र समेत चार को आजीवन कारावास
25-25 हजार रुपये के अर्थदंड से भी किया गया दंडित
शाहजहांपुर, अमृत विचार। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दशम कोर्ट में गैर इरादतन हत्या के मुकदमे की सुनवाई के दौरान दोषी पाए जाने पर न्यायाधीश ने पिता-पुत्र समेत चार लोगों को आजीवन कारावास की सजा और 25-25 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
थाना बंडा के गांव बाबूपुर निवासी रामकृष्ण ने 15 अक्टूबर 2014 को बंडा थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि उसका भाई नत्थूलाल आज शाम करीब छह बजे गांव में स्थित लालाराम के किराने के खोखे पर सामान लेने गया था। भाई की जेब से रुपये गिर गए, उसने उठाकर जेब में रख लिए, इतने में शराब के नशे में धुत्त गांव का ही देवेंद्र पुत्र श्यामलाल आया और कहने लगा कि यह रुपये मेरे हैं। जिसका भाई ने विरोध किया, इस पर विवाद होने लगा। इतने में देवेंद्र का भाई श्रीराम अपने बेटे विशाल और साथी छत्रपाल के साथ आ गया और इन लोगों ने भी भाई नत्थूलाल के साथ गाली-गलौज करना शुरू कर दिया। विरोध करने पर लाठी-डंडों से पिटाई शुरू कर दी। जब वह और प्रदीप बचाने गया तो हम लोगों पर भी हमलावर हो गए और पिटाई करते हुए चोट पहुंचाई। हमलावर मारपीट की घटना को अंजाम देकर जान से मारने की धमकी देते हुए भाग गए। रामकृष्ण की तहरीर पर पुलिस ने मारपीट, गाली-गलौज, जान से मारने की धमकी की धाराओं में एनसीआर दर्ज कर ली और घायलों को मेडिकल के लिए भेज दिया। गंभीर रूप से घायल नत्थूलाल की इलाज के दौरान मौत हो गई। अगले दिन 16 अक्टूबर को मामले में गैर इरादतन हत्या की धारा की बढ़ोत्तरी करते हुए मामले की विवेचना शुरू कर दी गई। विवेचना के दौरान गवाहों के बयान और मौके का नक्शा नजरी व अन्य प्रपत्र तैयार कर संपूर्ण विवेचना के उपरांत अभियुक्त देवेंद्र, विशाल, श्रीराम, छत्रपाल के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय भेज दिया। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दशम की कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई के दौरान गवाहों के बयान और शासकीय अधिवक्ता श्रीपाल वर्मा व बचाव पक्ष के अधिवक्ता के तर्को को सुनने और पत्रावली का अवलोकन कर दोषी पाए जाने पर न्यायाधीश पंकज कुमार श्रीवास्तव ने सभी अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा और 25-25 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है, साथ ही कहा कि अर्थदंड अदा नहीं करने पर प्रत्येक अभियुक्त को दो-दो वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
पिटाई से टूट गई थी सिर की हड्डियां, फट गई थी दिमाग की झिल्ली
अभियुक्तगण के अधिवक्ता के तर्को के विपरीत साक्ष्य के तौर पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट को साक्ष्य के तौर पर सामने रखते हुए बताया गया कि नत्थूलाल को कुल तीन चोटें आईं, जिनमें सिर में सिर के दोनों तरफ टेपोरेल व पैराईटल हड्डी टूटी पाई गई। दिमाग की झिल्ली भी फटी पाई गई। दोनों फेफड़े, जिगर, तिल्ली व दोनों गुर्दे कंजेस्टेड पाए गए। तर्क दिया गया कि यह चोटें साबित करतीं हैं कि नत्थूलाल को जान से मारने की नीयत से घटना की गई। अभियुक्तों की पिटाई से मुकदमा वादी और उसके बेटों संदीप व प्रदीप को भी काफी चोटें आईं।
