बदायूं : युवक ने मेडिकल कॉलेज की चौथी मंजिल से कूदकर दी जान, बीमारी से था परेशान

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Published By Pradeep Kumar
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टीवी की बीमारी से परेशान चल रहा था, तीन दिसंबर को राजकीय मेडिकल कॉलेज में किया गया था भर्ती

बदायूं, अमृत विचार। राजकीय मेडिकल कॉलेज के टीबी वार्ड में भर्ती जिला संभल निवासी मरीज ने चौथी मंजिल से कूदकर जान से दी। वह तीन दिसंबर से भर्ती था। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया। युवक के परिजनों ने मेडिकल कॉलेज के स्टाफ पर लापरवाही करने का आरोप लगाया। युवक के पिता ने बताया कि युवक को सांस लेने में परेशानी हो रही थी। स्टाफ सोने चला गया। सूचना देने के बाद भी युवक को देखने नहीं आया। 

जिला संभल के थाना जुनावई क्षेत्र के गांव हथियावली निवासी सुभाष (30) पुत्र किशन लाल तकरीबन एक साल से टीबी की बीमारी से ग्रसित थे। उनका इलाज चल रहा था। वह वृंदावन के चिकित्सक से दवा लेकर आए थे। सुधार न हाने पर दहगवां के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर इलाज चल रहा था लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ तो चिकित्सक ने रेफर कर दिया था। न वहां हालत में सुधार नहीं हुआ। तीन दिसंबर का उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने परिजन सुभाष को राजकीय मेडिकल कॉलेज लेकर आए थे। हालत गंभीर होने पर चिकित्सक ने राजकीय मेडिकल कॉलेज की चौथी मंजिल पर बने टीबी वार्ड में भर्ती कराया था। शुक्रवार सुबह लगभग सात बजे सुभाष ने वार्ड से नीचे छलांग लगाकर जान दे दी। मौके पर अफरा-तफरी मच गई। युवक के वार्ड से नीचे कूदने की सूचना पर किशन लाल पहुंचे। पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची। किशन लाल ने बताया कि सुभाष बीमारी में सांस न ले पाने की वजह से बहुत ज्यादा परेशान था। सुभाष ने स्टाफ को कई बार जानकारी दी थी लेकिन आरोप है कि स्टाफ ने नजरअंदाज किया। गुरुवार रात भी सुभाष के सांस लेने में परेशानी होने की बात स्टाफ से कही थी लेकिन स्टाफ ने अनसुना कर दिया और सोने के लिए चला गया था। सुभाष पूरी रात तड़पता रहा। जिससे परेशान होकर उसने जान दे दी। कहा कि अगर स्टाफ इलाज कर देता तो आज सुभाष की मौत नहीं होती। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया। बताया जा रहा है कि घटना के समय राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरुण कुमार व सीएमएस डॉ. विपिन कुमार अवकाश पर थे। मेडिकल कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ. ज्ञानेंद्र ने बताया कि घटना दुखद है और आरोप निराधार हैं। मरीज को भर्ती कराकर इलाज किया जा रहा था। समय पर दवा और इंजेक्शन दे रहे थे। बुधवार को उसने एक मरीज की मौत देखी थी। जिसे देखकर वह घबरा गया था और यह कदम उठा लिया। मामले की जांच की जा रही है। जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। 

14 दिन पहले हुई थी युवक की पत्नी की मौत
पोस्टमार्टम हाउस पर परिजनों ने बताया कि सुभाष अपनी आठ बीघा जमीन पर खेती करके परिवार का पालन पोषण करते थे। 14 दिन पहले उनकी पत्नी की भी बीमारी से मौत हो गई थी। पहले तो सुभाष अपनी बीमारी से परेशान थे और फिर उनकी पत्नी की मौत के बाद वह टूट गए थे लेकिन अपनी बीमारी से लड़ रहे थे।

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