Allahabad High Court Decision : कानपुर के ज्योति श्यामदासानी हत्याकांड की कथित साजिशकर्ता बरी
अमृत विचार, प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वर्ष 2014 के कानपुर के ज्योति श्यामदासानी हत्याकांड में पांच आरोपियों की दोषसिद्धि को बरकरार रखते हुए छठे आरोपी यानी मृतका के पति की कथित प्रेमिका को बरी कर दिया है, जिस पर हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप था। उक्त आदेश न्यायमूर्ति अरविंद सिंह सांगवान और न्यायमूर्ति मोहम्मद अजहर हुसैन इदरीसी की खंडपीठ ने परिस्थितिजन्य साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर पीयूष श्यामदासानी, रेनू उर्फ अखिलेश कनौजिया, सोनू कश्यप, आशीष कश्यप, अवधेश चतुर्वेदी, मनीषा मखीजा और शंकर लाल नागदेव की आपराधिक अपील पर सुनवाई करते हुए पारित किया।
कोर्ट ने माना कि हत्या की साजिश से मनीषा मखीजा को जोड़ने वाला कोई निर्णायक साक्ष्य नहीं मिलता है। कॉल रिकॉर्ड से पता चलता है कि वह केवल मुख्य अभियुक्त/पीयूष के संपर्क में थी, ना कि अन्य आरोपियों के संपर्क में। अतः केवल आरोपी के साथ संबंध होने से षड्यंत्र करने की संभावना नहीं बनती है, इसलिए उसे बरी कर दिया गया। मामले के अनुसार 27 जुलाई 2014 की रात आरोपी और उसकी पत्नी ज्योति रेस्टोरेंट से निकलकर घर लौट रहे थे, तभी मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने उनकी कार पर घात लगाकर हमला किया और आरोपी को जबरन कार से उतारकर उसकी पत्नी का अपहरण कर लिया, बाद में पत्नी की लाश बरामद हुई।
जांच के दौरान घटना के पीछे साजिश का खुलासा हुआ, जिसमें आरोपी ने कांट्रेक्ट किलर्स के जरिए अपनी पत्नी की हत्या करवाई थी। सभी आरोपियों के खिलाफ आईपीसी और आर्म्स एक्ट की धाराओं के तहत पुलिस स्टेशन स्वरूप नगर, कानपुर नगर में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। ट्रायल कोर्ट ने सभी को हत्या का दोषी ठहराते हुए कहा कि जब कुछ अज्ञात हमलावर उसकी पत्नी को कार से जबरन उतारकर उसका अपहरण करने का प्रयास कर रहे थे तो पति द्वारा विरोध ना करना अस्वाभाविक था, अंत में निचली अदालत ने तथ्यों पर विचार करते हुए सभी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
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