Lucknow murder : सरकारी जमीन पर कब्जेदारी को लेकर सेवानिवृत्त होमगार्ड की पीट-पीटकर हत्या

अमृत विचार, बीकेटी : महिगवां थाना अंतर्गत सोनवा गांव में सरकारी जमीन पर कब्जेदारी को लेकर दो पक्षों में खूनी संहर्ष हो गया था। जिसमें ग्राम प्रधान अशोक गिरि ने सेवानिवृत्त होमगार्ड पर गंगा सागर उर्फ मुन्ना (60) पर कुल्हाड़ी से वार कर जख्मी कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने परिजनों की मदद से सेवानिवृत्त होमगार्ड को केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया था। रविवार देर रात इलाज के दौरान होमगार्ड की मौत हो गई। इसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम में भेज परिजनों की तरफ से दर्ज कराई गई प्राथमिकी में हत्या की धारा बढ़ाई है।
गौरतलब है कि 30 नवम्बर को महिगवां के सोनवा गांव में कुएं के पास सरकारी जमीन पर कब्जेदारी को लेकर सेवानिवृत्त होमगार्ड गंगा सगार और वर्तमान ग्राम प्रधान अशोक गिरि का झगड़ा हो गया था। परिजनों को आरोप है कि ग्राम प्रधान अशोक गिरि और उसके दो दर्जन से भी ज्यादा समर्थक लाठी-डंडे और धारदार हथियार लेकर सरकारी जमीन पर पहुंच गए। इस दौरान ग्राम प्रधान और उसके समर्थकों ने होमगार्ड गंगा सागर पर कुल्हाड़ी से वार कर दिया था। उसके बाद ग्राम प्रधान ने होमगार्ड के घर में तोड़फोड़ कर उनके परिवारिक सदस्यों से भी मारपीट की थी। हंगामा बढ़ने पर ग्राम प्रधान पीड़ित परिवार को जान से मारने की धमकी देते हुए वहां से चला गया था। जिसके बाद परिजनों ने होमगार्ड को केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया था। रविवार देर रात अस्पताल में भर्ती होमगार्ड की इलाज के दौरान मौत हो गई। जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इसके बाद होमगार्ड की तरफ से दर्ज कराई गई प्राथमिकी में हत्या की धाराएं बढ़ाई गई हैं।
छह माह पूर्व सेवानिवृत्त हुआ था होमगार्ड
परिजनों ने बताया कि करीब छह माह पूर्व गंगा सागर होमगार्ड के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। इसके बाद वह खेती-बाड़ी करने लगने थे। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि सरकारी जमीन के विवाद में हुई हत्या को लेकर लोगों में काफी रोष है। बताया कि ग्राम प्रधान दबंग किस्म का है। वह आए-दिन लोगों से झगड़ा करता है।
परिजनों ने एम्बुलेंस से शव उतारने से किया मना
सोमवार को पोस्टमार्टम हो जाने के बाद होमगार्ड का शव सोनवा गांव में पहुंचा। इस दौरान परिजनों से एम्बुलेंस से शव उतारने से मना कर दिया। वहीं, मौजूद ग्रामीण भी हत्यारोपी ग्राम प्रधान व उसके समर्थकों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर हंगामा करने लगे। हंगामे की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने परिजनों से शव का अंतिम संस्कार करने का दबाव डाला, इस पर परिजन भड़क गए और शव को लेने से इंकार करने लगे। परिजनों का कहना है कि जब तक हत्यारोपियों की गिरफ्तारी नहीं होगी तब तक वह अंतिम संस्कार नहीं करेगे।
दरोगा की भूमिका बता रहे संदिग्ध
परिजनों ने बताया कि पुलिस ने दोनों पक्षों की तरफ से प्राथमिकी दर्ज की थी, लेकिन पुलिस ने तहरीर में खेलकर ग्राम प्रधान के खिलाफ हल्की धाराओं में एफआईआर दर्ज की थी। परिजनों का आरोप है कि पुलिस हत्यारोपियों को फरार होने में मदद की है। इस हत्याकांड में थाने में तैनात एक दरोगा की भूमिका संदिग्ध है। दरोगा हत्यारोपी ग्राम प्रधान को बचाने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, आलाधिकारियों के समझाने पर परिजन शांत हुए। बीकेटी सहायक पुलिस आयुक्त(ACP BKT) ऋषभ रुणवाल ने बताया कि हत्यारोपियों की तलाश में पुलिस टीमें दबिश दे रही है।
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