फतेहपुर में किसानों के हित में गरजे भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत: बोले- सरकार पुरानी धरोहरों को नष्ट करने की साजिश कर रही...

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Published By Nitesh Mishra
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फतेहपुर, अमृत विचार। खागा कस्बे में स्थित गल्ला मंडी परिसर में गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन द्वारा किसान महापंचायत का आयोजन किया गया था। किसान महापंचायत में भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का आगमन हुआ। जहां उन्होंने किसानों के हित में सरकार के प्रति जमकर हल्ला बोला। 

महापंचायत में पंजाब में चल रहे किसानों के आंदोलन को समर्थन दिया गया। मंच पर पहुंचते ही भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए सरकार को किसानों का विरोधी बताया। टिकैत ने कहा कि देश में सरकार पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए रणनीति तैयार करती है। जबकि किसानों के हित के बारे में सरकार को बिल्कुल भी चिंता नहीं है। 

उन्होंने कहा कि सरकार एमएसपी गारंटी कानून लागू नहीं कर रही है, जिससे किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल पा रहा है। जिसकी वजह से देश भर के किसान पिस रहे हैं। अगर सरकार द्वारा किसानों के हित में कदम नहीं उठाए गए तो देश भर के किसान एकत्रित होकर इसकी लड़ाई लड़ेंगे जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। साथ ही राकेश टिकैत ने किसानों से नस्ल और फसल दोनों बचाने की अपील की। कहां सरकार की नीतियां किसानों को खत्म करने पर आमादा है। 

उन्होंने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार झूठ बोल रही है और उनका एजेंडा केवल हिंदू और मुस्लिम को बांटने का है। उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह के अंबेडकर वाले बयान पर भी हमला करते हुए कहा कि सरकार इतिहास को मिटाने और संविधान में संशोधन करने की कोशिश कर रही है। 

भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि सरकार पुरानी धरोहरों को नष्ट करने की साजिश कर रही है। अगर किसानों की हित में सरकार फैसला नहीं लेती तो देश भर के किसान एकत्रित होकर एक बड़े आंदोलन की ओर अग्रसर हो जाएंगे जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। 

किसानों व प्रशासन के बीच हुई बहस 

मंडी परिसर में जा रहे किसानों के वाहनों को रोकने में किसानों और प्रशासन के बीच तीखी बहस हो गई। किसानों ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन किसानों के एकजुटता को देख घबरा गई है जो महा पंचायत में किसानों को सम्मिलित होने से रोक रही है। प्रशासन सरकार के दबाव में आकर किसानों को इकट्ठा नहीं होने दे रही है। इस दौरान किसानों ने पुलिस-प्रशासन मुर्दाबाद के नारे भी लगाए।

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