Allahabad High Court Decision : धार्मिक समूहों के बीच वैमनस्यता फैलाने के मामले में मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी पर रोक

Amrit Vichar Network
Published By Vinay Shukla
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प्रयागराज, अमृत विचार : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आल्ट न्यूज के सह-संस्थापक और फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर को यति नरसिंहानंद के एक पुराने वीडियो को पोस्ट करने तथा धार्मिक समूहों के बीच वैमनस्यता फैलाने के मामले में बड़ी राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर 6 जनवरी 2025 तक के लिए रोक लगा दी है और कहा कि जुबैर कोई खूंखार अपराधी नहीं है। उसे राहत प्रदान की जा सकती है। हालांकि अगली सुनवाई तक उनके देश छोड़ने पर रोक लगा दी गई है, साथ ही जांच में पुलिस के साथ सहयोग करने का निर्देश भी दिया गया है।

उक्त आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति नलिन कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने जुबैर की याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया। शुक्रवार को कई घंटे चली सुनवाई के बाद भी राज्य सरकार की ओर से दलीलें पूरी नहीं हुई, इसलिए मामले की अगली सुनवाई पर सरकार विस्तृत जवाबी हलफनामा दाखिल करेगी। मामले की सुनवाई के दौरान सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि यति नरसिंहानंद के कथित भाषण पर जुबैर द्वारा की गई कई टिप्पणियों में आधी-अधूरी जानकारी थी, जिससे भारत की संप्रभुता और अखंडता को खतरा हो सकता है। अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कोर्ट को बताया कि जुबैर की एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर की गई टिप्पणियों का उद्देश्य हिंसा भड़काना था। उन्होंने अलगाववादी भावनाओं को बढ़ावा देने का प्रयास किया है।

बता दें कि जुबैर के खिलाफ यति नरसिंहानंद सरस्वती ट्रस्ट की महासचिव उदिता त्यागी ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत बीएनएस की धारा 152 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें गाजियाबाद पुलिस ने बाद में जोड़ी। जुबैर ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर आक्षेपित प्राथमिकी रद्द करने और दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा दिए जाने का अनुरोध किया था। जुबैर पर आरोप है कि पुरानी वीडियो क्लिप को वर्ग विशेष के बीच हिंसा भड़काने के इरादे से अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट किया, जिस पर देश भर में नरसिंहानंद के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए।

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