Sambhal News : चंदौसी की प्राचीन बावड़ी पर राजा का सहसपुर राजघराने के वारिस ने ठोका दावा, 1500 साल से अधिक पुराना है इतिहास
पूर्व सांसद राजा चंद्र विजय सिंह ने कहा, उनके पुरखों ने करीब 250 साल पहले बनवाया था तीन मंजिला आरामगाह
पुरातत्व विभाग को सौंपकर बावड़ी को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करे सरकार, चन्दौसी का होगा फायदा
मुरादाबाद, अमृत विचार। चन्दौसी में पिछले दिनों खुदाई के दौरान मिली प्राचीन बावड़ी पर राजा का सहसपुर राजघराने के वारिस राजा चंद्रविजय सिंह ने शुक्रवार को दावा ठोंका है। पूर्व सांसद का दावा है कि उनके पुरखों ने करीब 200 से 250 साल पहले चन्दौसी में तीन मंजिला आरामगाह बनवाया था। साथ ही यह भी कहा कि सरकार इस बावड़ी को कब्जे में लेकर पुरातत्व विभाग को सौंप दे और इसे पर्यटकस्थल के रूप में विकसित किया जाए। इसका फायदा चन्दौसी को मिलेगा।
संभल में बिजली चेकिंग के दौरान प्रकाश में आए मंदिर का ताला खोले जाने और साफ सफाई कराए जाने के बीच ही एक सप्ताह पहले चन्दौसी में पुरानी बावड़ी भी प्रकाश में आई। जिला प्रशासन ने बावड़ी की खुदाई शुरू कराई तो वहां पर तीन मंजिला महलनुमा भवन मिला है। बावड़ी की लगातार खुदाई जारी है। इस बीच शुक्रवार को राजा का सहसपुर राजघराने के वारिस पूर्व सांसद राजा चंद्र विजय सिंह ने मीडिया के सामने दावा किया कि बावड़ी उनके पुरखों की संपत्ति है।
कहा कि राजा का सहसपुर रियासत में मुरादाबाद, संभल, बदायूं, बिजनौर के 400 गांव आते थे। राजा का सहसपुर राजघराने का इतिहास 1500 साल से अधिक पुराना है। राजघराने के लोग बदायूं से चलते थे तो चन्दौसी में विश्राम करते थे, इसीलिए चन्दौसी में बावड़ी का निर्माण कराया गया था। उनके परबाबा के पिता (बाबा के बाबा) स्वर्गीय राजा कृष्ण कुमार सिंह ने चन्दौसी में कृष्ण निवास भी बनवाया था। जो आज भी मौजूद है। यही नहीं उनके परबाबा ने चन्दौसी नगर पालिका का निर्माण कराया था और वह नगर पालिकाध्यक्ष भी रहे थे।
पूर्व सांसद ने कहा कि बावड़ी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपने आप में विचित्र निर्माण है। बावड़ी का निर्माण अधिकतर राजस्थान के इलाकों में कराया जाता है। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक धरोहर को सरकार अपने नियंत्रण में लेकर पुरातत्व विभाग को सौंप दे और इसे पर्यटकस्थल के रूप में विकसित किया जाए। इसका फायदा चन्दौसी के लोगों को भी मिलेगा।
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