अलविदा 2024 : नहीं बदली शहर की तस्वीर, हालत जस की तस...

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Published By Bhawna
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रामपुर, अमृत विचार। माननीय हर चुनाव में वायदे करते गए लेकिन, शहर की तस्वीर नहीं बदली। हालात जस के तस हैं। लोग हर दिन दिक्कतों को झेलते हुए सड़कों से होकर गुजरते हैं। 11 गेटों के अंदर बसे शहर में कोई बदलाव नहीं हुआ। हालांकि, पूर्व मंत्री आजम खां ने सपा सरकार में गेट ध्वस्त करा दिए थे। शहर के मुख्य बाजारों में शौचालय, पार्किंग नहीं हैं। दुकानें व्यवस्थित नहीं है। इससे आम शहरी रोजाना जूझता है।

नेताओं ने जनता से तमाम वायदे किए। रामपुर को उद्योग नगरी बनाने के साथ ही दैनिक समस्याओं से निजात दिलाए जाने का भी भरोसा दिलाया लेकिन, कुछ नहीं बदला। लोग सुबह घरों से निकलते हैं और संकरी सड़कों पर जाम की समस्या से जूझते हुए दफ्तरों तक पहुंचते हैं। बच्चों को स्कूल पहुंचने की जल्दी होती है। स्कूलों की छुट्टी होने पर बच्चों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जाम के कारण वह शाम को 4 बजे तक घर पहुंचते हैं। इसके अलावा लोग बाजार सफदर गंज, चाकू बाजार, नसरुल्लाह खां का बाजार, अब्दुल्लाह गंज, मिस्टन गंज, राजद्वारा में जाम से जूझते रहते हैं।

रजा लाइब्रेरी के 250 वर्ष पूर्ण होने पर भी नहीं संवरा किला
रजा लाइब्रेरी के 250 वर्ष पूर्ण होने पर जश्न मनाया गया। मेहमान आए, देर रात तक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। लेकिन, किले को नहीं संवारा गया। हालांकि, वर्ष 2024 में 250वां जश्न मनाने से पहले इसके जीर्णोद्धार के लिए तमाम नेताओं और अधिकारियों ने वायदे किए लेकिन किले की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। किले की दीवारों पूर्वी, पश्चिमी और उत्तरी गेट एलआईयू कार्यालय के निकट पेड़ खड़े हैं। इमारत जगह-जगह से दरकने लगी है। रजा लाइब्रेरी के 250 वर्ष पूर्ण होने पर 7 अक्टूबर तक कार्यक्रम हुए। जश्न की तैयारियों को लेकर किला पश्चिमी गेट (हामिद गेट) पर आधा-अूधरा रंग-रोगन कराया गया। वर्ष 2024 गुजर गया और किले की जर्जर होती इमारतों की हालत में फिलहाल कोई बदलाव नहीं आया है।

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