HMP वायरस से डरने की नहीं सावधान रहने की जरूरत, एक्सपर्ट्स ने दी ये सलाह

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Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचार: लोग अभी कोविड-19 की महामारी भुला पाए थे, कि देश में में ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) वायरस फैलना शुरू हो गया। दो दिनों में कई केस सामने आने के बाद लोगों में डर पैदा होने लगा है। ऐसे में किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत ने लोगों से इस वायरस से न डरने की बात कही है। उनका कहना है कि सतर्कता से इससे बचा जा सकता है।

डॉ. सूर्यकांत ने बताया चीन से मिली मौजूदा जानकारी के अनुसार एचएमपीवी संक्रमण के लक्षण ज्यादातर 14 साल से कम उम्र के बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं में देखे जाते हैं। एचएमपीवी एक श्वसन वायरस है जिसे 2001 में नीदरलैंड में खोजा गया था। यह खांसी, बुखार, नाक बंद होना और सांस लेने में कठिनाई सहित सामान्य सर्दी या कोविड-19 जैसे लक्षण पैदा करता है। गंभीर मामलों में यह ब्रोंकाइटिस या निमोनिया का कारण बन सकता है। एचएमपीवी को लेकर चिंता इसलिए बढ़ गई है क्योंकि अभी तक कोई विशिष्ट टीका या एंटीवायरल दवा विकसित नहीं हुई है। संक्रमित व्यक्तियों का आमतौर पर आराम और बुखार कम करने वाली सामान्य दवाओं से इलाज किया जाता है और लक्षण आमतौर पर 2-5 दिनों के भीतर ठीक हो जाते हैं। गंभीर मामलों में ऑक्सीजन सपोर्ट की आवश्यकता हो सकती है। उन्होंने कहा सभी को सतर्क रहने की आवश्यकता है, लेकिन बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और कमजोर प्रतिरक्षा या पहले से मौजूद गंभीर स्थितियों जैसे फेफड़े, हृदय, किडनी, लीवर की बीमारियों या कैंसर वाले व्यक्ति अधिक जोखिम में हैं।

ये बरते सावधानी

संक्रामक रोग संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने से फैलते हैं। इसलिए, खांसते या छींकते समय हमेशा अपने मुंह को रूमाल से ढकें, मास्क पहनें, भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें, बार-बार साबुन और पानी से हाथ धोएं, खुद को हाइड्रेटेड रखें, संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाए रखें और लोगों से हाथ मिलाने के बजाय नमस्ते कहकर अभिवादन करें।

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