लखनऊ: गाय का शिकार करने के बाद ग्रामीण आबादी के बीच घूम रहा बाघ

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Published By Virendra Pandey
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लखनऊ, अमृत विचार। मलिहाबाद बहेलिया गांव में गाय का शिकार करने के बाद मलिहाबाद काकोरी सर्किल में बाघ की दहशत बरकरार है। बाघ ने गाय को निवाला बनाते हुए 40 फीसदी मांस को हजम कर लिया है। वन विभाग ने इस बात की पुष्टि की है। वहीं, बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग ने कॉम्बिंग शुरू कर दी है। इसी क्रम में मीठेनगर गांव के निकट मचान के नीचे एक मवेशी को भी बांधा गया है। फिलहाल, अभी तक बाघ को पकड़ने के लिए काफी जतन किए गए जा चुके हैं, लेकिन वन विभाग को सफलता नहीं मिली।

गौरतलब है कि रहमान खेड़ा में पिछले 40 दिनों से भी ज्यादा बाघ की मौजूदगी से कई गांवों में दहशत का माहौल है। रविवार दोपहर बाघ ने बहेलिया गांव में गाय का शिकार किया है। अब तक बाघ ने आठ मवेशियों को अपना निवाला बनाया है। डीएफओ सितांशु पांडे ने गाय का शिकार होने की पुष्टि करते हुए बताया कि बाघ ने जंगल को छोड़कर ग्रामीण आबादी के पास शिकार किया है। एसडीओ हीरालाल ने बताया कि बाघ ने गाय के 40 प्रतिशत हिस्से को हजम कर लिया है। यह सब देखते हुए वन विभाग ने बाघ प्रभावित 11 गांवों के लिए एक प्लाटून पीएसी तैनात किए जाने का निर्णय लिया है। 

डीएफओ सितांशु पांडे ने बताया कि रविवार को वन विभाग की टीम ने बाघ प्रभावित क्षेत्र का मुआयना किया। बताया कि रहमान खेड़ा के जंगलों में रह रहे बाघ ने हलुवापुर, मंडौली, मीठे नगर जोन-2 और बहेलिया गांव के जंगल को अपना नया ठिकाना बना लिया है। इन जगहों पर बाघ के पगचिन्ह भी मिले है। डीएफओ ने बताया कि रहमानखेड़ा के जंगल में भटक रहे बाघ की तलाश के लिए वन विभाग की टीम ने मीठे नगर जोन-2 के बाहर फैले जंगल में मचान बनाया है। इस पर रात में वन विभाग की टीम के साथ ट्रैंकुलाइजर एक्सपर्ट पशु चिकित्सक मौजूद रहेंगे, ताकि बाघ दिखने पर उसे तुरंत ट्रैंकुलाइज किया जा सके। कई गांवों के लोग बाघ देखने का दावा भी कर चुके हैं। उसे पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम ने जंगल में ट्रैप कैमरे और दो पिंजरे लगाए हैं। इसके साथ लगातार कॉम्बिंग भी चल रही है।

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