बदायूं : करंट से मजदूर की मौत, परिजनों ने चीनी मिल परिसर में जमकर किया हंगामा

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Published By Pradeep Kumar
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सूचना मिलने पर सिटी मजिस्ट्रेट और महाप्रबंधक पहुंचे, दुर्घटना बीमा के आश्वासन के बाद माने परिजन

विजय नगला, अमृत विचार। बुलंदशहर से शेखूपुर स्थित चीनी मिल आए ट्रक के ऊपर से खोई उतारते समय हाईटेंशन लाइन की चपेट में आकर मजदूर की मौत हो गई थी। दूसरी दिन परिजन और ग्रामीणों ने चीनी मिल के गेट पर शव रखकर हंगामा किया। मृतक के परिजनों को मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग की। सिटी मजिस्ट्रेट व महाप्रबंधक ने दुर्घटना बीमा दिलाने का आश्वासन दिया। परिजनों को 50 हजार रुपये दिए। तब वह शांत हुए। मृतक के भाई की तहरीर पर ठेकेदार और मुंशी पर रिपोर्ट दर्ज की गई है।

हादसा रविवार सुबह सिविल लाइन कोतवाली क्षेत्र के कस्बा शेखूपुर स्थित दि सहकारी किसान चीनी मिल्स लिमिटेड परिसर में हुआ। गांव नसरुल्लापुर निवासी बंटू (19) चीनी मिल में बाउलर में ईंधन के रूप में खोई डालने का काम करता था। 11 जनवरी की शाम से अगले दिन सुबह 6 बजे तक काम करके वह घर लौट गया था। बुलंदशहर से आए ट्रक के ऊपर खड़ा होकर खोई (बगास) नीचे उतार रहा था। वह ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गया और गंभीर रूप से झुलस गया। मौके पर अफरा-तफरी मच गई। चीनी मिल के महाप्रबंधक गुलशन कुमार मौके पर पहुंचे और बंटू को तुरंत राजकीय मेडिकल कॉलेज भिजवाया था। जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पुलिस पहुंची। शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया। सोमवार को परिजन और ग्रामीण शव लेकर चीनी मिल परिसर पहुंचे और हंगामा करने लगे। पुलिस मौके पर पहुंची। परिजनों से पुलिस की नोकझोंक हुई। परिजनों ने परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी और मुआवजा की मांग की। मृतक के भाई संटू का आरोप है कि रविवार की सुबह लगभग 10 बजे ठेकेदार विजय गोयल ने अपने मुंशी गांव रहमुद्दीनगर निवासी उमाशंकर पुत्र हुकुम सिंह से फोन कराकर बिना ड्यूटी के बंटू को मिल पर बुलाया। दोपहर लगभग चार बजे संटू को किसी ने फोन करके जानकारी दी कि बंटू की मौत हो गई है। संटू ने ठेकेदार व मुंशी पर आरोप लगाया कि उसने हाईटेंशन लाइन के नीचे ट्रक खड़ा कराकर लापरवाही की है। बताया कि मुंशी ने बताया था कि उसने हाईटेंशन लाइन कट करवा दी है लेकिन बिजली चल रही थी। सिटी मजिस्ट्रेट प्रवर्धन शर्मा और महाप्रबंधक ने परिजनों को समझाया। पांच लाख रुपये का दुर्घटना बीमा दिलाने का आश्वासन दिया। परिजनों को 50 हजार रुपये नगद दिए गए। जिसके बाद परिजन शांत हुए और शव अपने साथ ले गए।

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