Bareilly: चीनी मिलों पर संकट, किसानों से नहीं मिल पा रहा गन्ना, अगले महीनें हो सकती हैं बंद
बरेली, अमृत विचार: जिले की पांचों चीनी मिलों में नो केन का संकट हो रहा है। बाढ़ में किसानों की बर्बाद हुई फसल की वजह से मिलों को गन्ना नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में मिलें फरवरी में ही बंद हो सकती हैं। जहां पिछले सत्र में मिलों में 423 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की थी। वहीं इस बार तक सिर्फ 179 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई ही हुई है। क्षमता के मुताबिक गन्ना नहीं मिलने से आए दिन मिलों को कई-कई घंटे बंद रखना पड़ रहा है।
जिले की चीनी मिलों में नवंबर में पेराई सत्र शुरू हुआ था। जिले के करीब दो लाख किसान गन्ने की खेती करते हैं और गन्ने की आपूर्ति नवाबगंज की ओसवाल मिल, बहेड़ी की केसर इंटरप्राइजेस, मीरगंज की धामपुर, सेमीखेड़ा की सहकारी मिल और फरीदपुर की द्वारिकेश मिल में करते हैं। जिला गन्ना अधिकारी यशपाल सिंह ने बताया कि जुलाई में बारिश और बाढ़ में गन्ने की फसल बर्बाद हो गई।
सर्वाधिक नुकसान बहेड़ी, फरीदपुर और नवाबगंज के किसानों का हुआ। इसकी वजह से इस बार मिलों का दो सौ लाख क्विंटल पेराई का आंकड़ा छूना भी मुश्किल लग रहा है। अगर किसी मिल की क्षमता एक लाख क्विंटल की है तो उसे पचास हजार क्विंटल ही गन्ना ही मिल पा रहा है।
नवाबगंज और बहेड़ी की चीनी मिलों ने तो पेराई सत्र समाप्त करने की तैयारी कर ली है। इस बार फरवरी से पहले जिले की सभी चीनी मिलें पेराई सत्र को समाप्त कर देंगी। कम गन्ना मिलने से मिलों को भी आर्थिक नुकसान हुआ है। किसानों के भुगतान के लिए मिल प्रबंधकों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया गया है।
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