पीलीभीत: खूब लटकाए काम....अब रोकी गई रिटायर्ड ईओ की पेंशन और भुगतान

पीलीभीत, अमृत विचार। नौ माह पहले बकायेदारी चुकाने के लिए शासन से मिले चार करोड़ के बजट से भी नगरपालिका अपनी उधारी नहीं चुका सकी। जिस वजह से एक बार फिर कर्मचारियों के हाईकोर्ट पहुंचने का सिलसिला शुरू हो चुका है। जिसमें कई जिम्मेदारों को पार्टी बनाया गया है। इसे लेकर शासन ने हाल में ही रिटायर्ड हुए ईओ की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए उनकी पेंशन और भुगतान पर रोक लगा दी है। शासन ने स्पष्ट कहा है कि बजट मिलने के बाद भी उस दौरान के कर्मचारियों की बकायेदारी क्यों नहीं निपटाई गई है। इसको लेकर जवाब तलब भी किया है। इधर, बकाएदारी को देखते हुए चेयरमैन ने बजट की डिमांड भेजी है।
बता दें कि शहर नगरपालिका में करीब 450 सरकारी और अस्थायी कर्मचारी कार्यरत हैं। इनमें कार्यालय में सफाई इंस्पेक्टर, बाबू लिपिक और अन्य मिलाकर 100 के आसपास स्टाफ है। वहीं सरकारी सफाई कर्मचारियों की संख्या 154 और आउटसोर्सिंग सफाई कर्मचारियों की संख्या 196 है, जोकि प्रतिदिन काम करते हैं। रिटायर्ड कर्मचारी अलग हैं। जिनको रिटायरमेंट के दौरान भुगतान नहीं मिल सका था। भुगतान कराने को लेकर वह सालों से चक्कर लगा रहे हैं। बजट मिलने से पहले नगरपालिका के कर्मचारियों की मानें तो करीब नगर पालिका के रिटायर्ड और वर्तमान कर्मचारियों का ईपीएफ और अन्य निकासी को जोड़कर करीब पांच करोड़ से अधिक की उधारी चल रही थी। इसमें अकेले चार करोड़ से अधिक तो रिटायर्ड कर्मचारियों से जुड़ी थी।
चेयरमैन के प्रयास से जून 2024 में मिले थे 3.79 करोड़
भुगतान न होने की वजह से करीब 25 से अधिक केस हाईकोर्ट में चले गए थे। इसको दूर करने के लिए लगातार चेयरमैन डॉ. आस्था अग्रवाल की ओर से शासन में पत्राचार किया था। इस पर संज्ञान लेते हुए जून 2024 में नगरपालिका को तीन करोड़ 79 लाख 81 हजार 636 रुपये का बजट दिया गया था, लेकिन बजट मिलने के बाद भी कई कर्मचारियों का भुगतान नहीं हो सका। इसे लेकर कुछ कर्मचारी फिर से हाईकोर्ट चले गए। इस पर हाईकोर्ट ने कई अफसरों को तलब कर लिया। इस पर शासन ने संज्ञान लेते हुए कहा कि तत्कालीन ईओ लाल चंद भारती के द्वारा अपने कार्यकाल में सरकारी योजनाओं के प्रति गंभीर नहीं रहे। साथ ही कर्मचारियों को भुगतान को लेकर रुचि नहीं दिखाई। इस पर शासन ने तत्कालीन ईओ की पेंशन और भुगतान पर रोक लगाई है। साथ ही मंडलायुक्त को जांच करने के आदेश दिए हैं।
फिर भेजी गई बजट की डिमांड
नगर पालिका चेयरमैन के प्रयास से बीते कुछ समय में ही रिटायर्ड कर्मचारियों की बकाएदारी काफी चुकता कर दी गई है। हालांकि वर्तमान में भी करीब दो करोड़ से अधिक की बकायेदारी है। इसे भी जल्द निपटाने का प्रयास चेयरमैन के स्तर से किया जा रहा है। चेयरमैन डॉ. आस्था अग्रवाल ने एक बार फिर शासन स्तर पर पत्राचार किया है। वह शासन को लंबित भुगतान वाले कर्मचारियों की सूची बनाकर प्रेषित करेंगी। ताकि शासन लंबित भुगतान के हिसाब से बजट आवंटित कर सके।
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