Exclusive: कानपुर में 112 करोड़ से 11 नाले होंगे टैप, एनएमसीजी को भेजा गया एस्टीमेट, शहर की नदियों में जा रही गंदगी पूरी तरह रुकेगी

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Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अभिषेक वर्मा। गंगा और पांडु नदी में गिर रहे 11 नाले पूरी तरह टैप होंगे। जलनिगम ने इन नालों को टैप करने का संशोधित एस्टीमेट तैयार कर लिया है। विभाग 112 करोड़ रुपये से नालों को पूरी तरह से टैप करेगा। शासन के निर्देश पर जलनिगम ने राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) को एस्टीमेट की मंजूरी के लिये पत्र भेजा है। महाकुंभ को लेकर अभी इन नालों में सख्ती से बायोरेमिडिएशन (जैविक शोधन) का कार्य किया जा रहा है। लेकिन, इसमें जरा सी लापरवाही गंगा की सेहत पर भारी पड़ती है। आम दिनों में यह समस्या बढ़ जाती है जिससे गंगा और पांडु नदी का पानी काला दिखने लगता है, जो आचमन तक नहीं रह जाता है।

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जलनिगम ने गंगा में गिरने वाले 6, पाण्डु नदी में 3 और 2 आंशिक अनटैप समेत कुल 11 नालों को पूरी तरह से टैप करने का प्रस्ताव तैयार किया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के के अनुसार अभी रानीघाट नाला, गोलाघाट, सत्तीचौरा, डब्का, मदारपुर व किशनपुर 6 नाले अनटैप हैं, जिससे गंदगी गंगा में गिरती है। इसके अलावा 2 आंशिक टैप्ड परमिया व गुप्तारघाट नाले से ओवरफ्लो होकर सीवेज गंगा नदी में मिलता है। वहीं पांडु नदी में 3 अनटैप्ड नाले पिपौरी, अर्रा, सागरपुरी नाला गिर रहा है। पांडु नदी में आंशिक टैप्ड 3 नाले हलवाखाड़ा, पनकी थर्मल व गन्दा नाला ओवरफ्लो होकर गिरता है। शासन ने अभी कुंभ को देखते हुये इन सभी नालों में बायोरेमिडियेशन कार्य करने के निर्देश दिये हैं। जिसपर सख्ती से कार्य किया जा रहा है। लेकिन, इन नालों को पूरी तरह टैप करने के लिये जलनिगम (ग्रामीण) ने एस्टीमेट तैयार किया है। 

शहर में कुल 26 नाले स्थित

जलनिगम के अनुसार कानपुर नगर में कुल 26 नाले स्थित हैं। जिसमें से 18 नाले गंगा नदी एवं 8 नाले पाण्डु नदी से संबंधित हैं। गंगा नदी के 18 नालों में 11 नाले टैप, 6 अनटैप एवं नाला बरसाती है। इसी प्रकार पाण्डु नदी के 8 नालों में से 3 नाले टैप, 3 नाले अनटैप एवं 2 नाले आंशिक टैप हैं। गंगा नदी के 6 अनटैप्ड नाले एवं पाण्डु नदी के 3 अनटैप नाले व 2 आंशिक टैप नालों को टैप किये जाने के लिये एस्टीमेट तैयार किया गया है। जिसकी स्वीकृति के लिये एनएमसीजी नई दिल्ली को पत्र भेजा गया है। वर्तमान में गंगा नदी एवं पाण्डु नदी के अनटैप्ड नालों पर बायोरिमेडियेशन विधि से शोधन का कार्य नगर निगम कर रहा है।

7 एसटीपी की 506 एमएलडी शोधन क्षमता

शहर में नालों का पानी के शोधन के लिये 7 एसटीपी हैं। जिससे 506 एमएलडी सीवेज का शोधन हो रहा है। इसमें से 130 एमएलडी एसटीपी जाजमऊ, 43 एमएलडी एसटीपी जाजमऊ, 210 एमएलबी एसटीपी बिनगवां, 42 एमएलडी एसटीपी सजारी एवं 30 एमएलडी एसटीपी पनका समेत 5 का संचालन एवं रख-रखाव का कार्य जल निगम (ग्रामीण) ने फर्म मेसर्स कानपुर रिवर मैनेजमेंट प्रालि को दिया है। शेष 2 एसटीपी 36 एमएलडी एसटीपी जाजमऊ एवं 15 एमएलडी एसटीपी बनियापुर का संचालन एवं रख-रखाव का कार्य जल निगम (नगरीय) द्वारा कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त 20 एमएलडी नव निर्मित सीईटीपी जाजमऊ का संचालन एवं रखरखाव का कार्य जटेटा कर रहा है। 

3.5 करोड़ लीटर सीवेज बढ़ा रहा मुश्किलें

जल निगम की रिपोर्ट के अनुसार इन नालों से रोज 1.5 करोड़ लीटर गंदा पानी गंगा नदी में प्रदूषण बढ़ा रहा है। पांडु नदी में रोजाना करीब दो करोड़ लीटर गंदा पानी पांडु नदी में जा रहा है। इससे सहायक नदी गंगा भी प्रभावित होती है। हालांकि, अभी सख्ती से बायोरेमिडिएशन जारी है। बता दें कि जलनिगम ने इससे पहले 5 नालों को टैप करने के लिये 67 करोड़ प्रस्ताव बनाया था। 

कुछ बदलावों के साथ नया एस्टीमेट तैयार किया गया है। 11 नालों को टैप करने में करीब 112 करोड़ रुपये खर्च होंगे। स्वीकृति मिलते ही काम शुरू होगा। - मोहित चक, परियोजना प्रबंधक, जलनिगम

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