बदायूं : सदर कोतवाल और उपनिरीक्षक को न्यायालय का नोटिस
विवेचना में नाम न होने के बाद भी पुलिस द्वारा युवक को किया जा रहा है प्रताड़ित
बदायूं, अमृत विचार। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट लीलू चौधरी ने कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक और एक उपनिरीक्षक हितेश कुमार को नोटिस जारी किया है। बुधवार को न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है। ऐसा न हो पाने पर न्यायालय ने विधिक कार्रवाई अमल में लाने का नोटिस में जिक्र किया है।
सदर कोतवाली में सरकार बनाम मन्नो देवी आदि में धोखाधड़ी, कूटरचना आदि की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। उपनिरीक्षक हितेश कुमार विवेचना कर रहे हैं। इसी मामले में उत्तराखंड के जिला उधम सिंह नगर निवासी नक्षत्र सिंह ने इसी मुकदमे में अपने आपको अभियुक्त के रूप में वांछित होने संबंधित प्रार्थना पत्र न्यायालय में दिया। जिसपर न्यायालय द्वारा कोतवाली से आख्या मांगी। 20 जनवरी को विवेचक हितेश कुमार ने न्यायालय में रिपोर्ट दाखिल करके कहा कि नक्षत्र सिंह का नाम विवेचना में नहीं है। साक्ष्य संकलन किया जा रहा है लेकिन 18 जनवरी को विवेचक व अन्य लोग नक्षत्र सिंह के घर जाकर उसको प्रताड़ित करके एक नोटिस दे आए और कहा कि विवेचना में नक्षत्र सिंह का नाम सामने आया है। तीन दिनों में उपस्थित हो कर बयान दर्ज कराने आने की बात कही। तब न्यायाधीश ने इस मामले में नक्षत्र सिंह द्वारा दिए गए प्रार्थना का संज्ञान लेकर पाया कि विवेचक हितेश कुमार के द्वारा विद्वेषपूर्ण विवेचना की जा रही है। उनके द्वारा असत्य एवं भ्रामक आख्याएं और अशुद्ध दस्तावेजों की रचना करके न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जा गया है। कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक और उपनिरीक्षक हितेश को बुधवार को न्यायालय में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण दें। नोटिस में ऐसा न करने पर रिपोर्ट दर्ज करके विधिक कार्रवाई अमल में लाए जाने की बात कही है।
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