KGMU में खंडित हुई भगवान राम की प्रतिमा, डॉक्टर पर लगा आरोप, जानें पूरा मामला
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लखनऊ, अमृत विचार। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) हमेशा चर्चा के केंद्र में रहता है। इस बार चर्चा आपसी विवाद में भगवान राम की प्रतिमा खंडित होने को लेकर है। क्रिटिकल केयर मेडिसिन के एक डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगा है। डॉक्टर पर भगवान श्रीराम की प्रतिमा फेंकने का आरोप है जिससे वह क्षतिग्रस्त हो गई है। विभाग के कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने इस पूरे मामले की शिकायत विभागाध्यक्ष से की है। शिकायत के बाद कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी का ही तबादला कर दिया गया है। खंडित प्रतिमा का एक फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, हालांकि अमृत विचार इस फोटो की पुष्टि नहीं करता है।
दरअसल, पूरा मामला क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग से जुड़ा हुआ है। घटना 16 जनवरी की है। विभागाध्यक्ष से हुई शिकायत में कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने लिखा है कि विभाग के एक डॉक्टर कार्यालय में आए और विभागाध्यक्ष से संबंधित कुछ जानकारियां मांगी। पत्र में लिखा है कि डॉक्टर कार्यालय में आए और पूछने लगे की इस समय विभाग का हेड कौन है, इस पर कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी की तरफ से बताया गया कि विभागाध्यक्ष ही विभाग की सारी जिम्मेदारी नियमित रूप से संभाल रहे हैं। इस पर ही डॉक्टर भड़क गए और कहने लगे कि वह (विभागाध्यक्ष) शीतकालीन अवकाश पर हैं, फिर विभागाध्यक्ष कैसे विभाग का कार्य देख सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने विभागाध्यक्ष की ही बायोमेट्रिक उपस्थिति देखने की जिद पकड़ ली, लेकिन नियमों का हवाला देते हुए कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने यह करने में असमर्थता जताई। इसके बाद नाराज समुदाय विशेष के डॉक्टर ने अभद्रता शुरू कर दी और टेबल पर रखी प्रभु श्री राम की प्रतिमा को उठाकर फेंक दिया और कहा, "यह मंदिर नहीं है, पूजा पाठ करना है तो मंदिर जाओ।" वहीं डॉक्टर के इस हरकत से मूर्ति जमीन पर गिरकर क्षतिग्रस्त हो गई।
इस मामले में आरोपित डॉक्टर से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला है।
केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने कहा है कि इस तरह की कोई घटना नहीं हुई है। डॉक्टर पर निराधार आरोप लगाया जा रहा है। वहीं केजीएमयू की कुलपति प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद ने इस पूरे मामले में एक जांच कमेटी का गठन कर दिया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि केजीएमयू में कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी की तरफ से फैकल्टी के साथ अभद्रता की गई है, जो उचित नहीं। उन्होंने कहा कि भगवान राम की प्रतिमा को फेंके जाने की बात निराधार है।