52 वें दिन वन विभाग की टीम बाघ को पकड़ने में नकामियाब, विभाग की पकड़ से दूर रास्ता बदल रहा बाघ
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लखनऊ, अमृत विचार: 52 दिन वन विभाग की भारी भरकम टीम को छका रहा बाघ बड़ा घाघ साबित हो रहा है। वन विभाग की टीम जिस क्षेत्र में निगरानी बढ़ाती है, बाघ वहां से दूर निकल जाता है। टीम रहमान खेड़ा के जंगलों में तलाश करती रही और बाघ 10 किलोमीटर दूर वंशीगढ़ी के पास निकल गया। वहां ताजे पद चिह्न मिले हैं।
चार दिन पहले बाघ ने केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के पिटफॉल के पास पड़वे का शिकार किया था। उसके बाद से वन विभाग की टीम ने इस क्षेत्र में तलाश तेज कर दी थी। किंतु तीन दिनों से बाघ का मूवमेंट संस्थान सहित आसपास नहीं मिल रहा था। शुक्रवार सुबह रहमान खेड़ा से 10 किमी दूर वंशीगढ़ी में बाघ के ताजे पग चिन्ह मिलने की सूचना ग्रामीणों ने दी। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ रेणु सिंह, डीएफओ बाराबंकी आकाशदीप बधावन एवं डीएफओ डॉ सितांशु पाण्डेय ने मौके पर पहुंचकर जांच की। विभागीय अधिकारियों ने पग चिह्न बाघ के होने की पुष्टि की है। वंशिगढ़ी में कैमरा ट्रैप लगाकर निगरानी की जा रही है। डॉ. रेणु सिंह ने वंशिगढ़ी के ग्रामीणों को बाघ मित्र बनकर बाघ रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद करने का अनुरोध किया और कहा कि यदि कहीं बाघ दिखाई दे तो तुरंत वन विभाग को सूचना दें।
संस्थान के आस पास नही आया बाघ
रहमान खेड़ा जंगल के संस्थान के जोन एक और मीठे नगर जंगल के जोन दो एवं उलरापुर जंगल के जोन तीन में पिछले तीन दिनों से बाघ के पगचिन्ह नहीं पाये गए हैं। बुधवार रात में संस्थान के घने जंगलों में नीलगाय के बच्चे का किसी जानवर ने शिकार किया था। वन विभाग ने बाघ द्वारा शिकार करने की पुष्टि नहीं की है।
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