लखनऊः सिर्फ नाम के सांसद आदर्श ग्राम, विकास अधूरा
3361 ग्राम पंचायतों में केवल 1,639 में कार्य पूर्ण

लखनऊ, अमृत विचार : उत्तर प्रदेश में सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत चयनित गांव विकास कार्यों से संतृप्त नहीं हो पाए। फेज-1 में 2014-19 और फेज-2 में 2019-24 तक चयनित 3361 ग्राम पंचायतों में केवल 1,639 में 100 फीसद कार्य कराए, जबकि 1,722 ग्राम पंचायतों में परियोजनाएं अधूरी पड़ी हैं।
वहीं, प्रदेश में 242 ग्राम पंचायतों में विकास तो दूर की बात ग्राम विकास परियोजनाएं यानी वीडीपी अब तक तैयार करके पोर्टल पर अपलोड नहीं की गई हैं। इस कारण फेज-1 और 2 के गांव निर्धारित समय पर संतृप्तीकरण नहीं हो पाए हैं। दरअसल, यह केंद्र सरकार की योजना है। इसमें सांसदों द्वारा पांच वर्ष तक एक-एक गांव का चयन करके आदर्श ग्राम बनाना है। केंद्र सरकार ने योजना की समीक्षा की तो पोर्टल पर यह प्रगति सामने आई। इस पर नाराजगी जताते हुए फेज-1 के कार्य 31 जनवरी तक और फेज-2 के 31 मार्च तक पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। इससे जल्द परियोजनाएं पूर्ण करके सांसद आदर्श ग्राम बनाए जाए सकें।
इन चरणों में ये वीडीपी हुई अपलोड
तृतीय चरण में चयनित 69 ग्राम पंचायतों के सापेक्ष 68, चतुर्थ चरण में चयनित 82 ग्राम पंचायतों के सापेक्ष 78, पंचम चरण में चयनित 68 ग्राम पंचायतों के सापेक्ष 66, षष्टम् चरण में चयनित 51 ग्राम पंचायतों के सापेक्ष 48, सप्तम चरण में चयनित 41 ग्राम पंचायतों के सापेक्ष 37 व अष्टम चरण में चयनित 39 ग्राम पंचातयों के सापेक्ष 37 वीडीपी ही अपलोड की गई है।
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