Kanpur: श्रद्धालुओं ने सुनाई आपबीती, बोले- पुण्य की डुबकी भूले, किसी तरह जान बचाकर निकले
कानपुर, अमृत विचार। प्रयागराज संगम में मौनी अमवस्या पर स्नान करना भूल गए। भगदड़ मची देखकर हाथ-पैर फूल गए। किसी तरह उस इलाके से सुरक्षित निकलने में भलाई समझी। इसके बाद जहां जगह मिली स्नान किया और आनन-फानन स्टेशन पहुंचकर ट्रेन पर बैठ गए। पता नहीं घरवालों ने कितने फोन किए। ट्रेन में बैठने के बाद मोबाइल खोला और परिजनों से बात करके राहत की सांस ली।
महाकुंभ में मची भगदड़ के दौरान फंसे श्रद्धालु आपबीती सुनाते हुए भावुक हो उठे। कई रोने लगे। सभी ने कहा व्यवस्थाएं तो ठीक थीं, पता नहीं ऐसा क्या हुआ कि अचानक चीख-पुकार मचने लगी। वह मंजर और हो-हल्ला अभी तक कानों में गूंज रहा है। जितनी देर महाकुंभ क्षेत्र में रहे एंबुलेंस की ही आवाजें सुनाई देती रहीं।
प्रयागराज से लौटे श्रद्धालुओं ने सेंट्रल स्टेशन पर बताया कि मौनी अमवस्या पर स्नान के उत्साह के बीच भव्य और दिव्य वातावरण देखकर हर कोना मोबाइल में कैद करना चाह रहे थे। चारों तरफ रोशनी और धार्मिक माहौल था। लेकिन देर रात अचानक भगदड़ मची और मोबाइल ही बंद हो गया। अब जल्द से जल्द घर पहुंचने की इच्छा है।
पुलिस ने घाट खाली करा दिया
मध्य प्रदेश भिंड निवासी महंत वीरेंद्र दास ने बताया कि वह संगम परिक्षेत्र में डुबकी लगाने की तैयारी में थे, तभी भगदड़ मची। पुलिसकर्मी आए और घाट पर बैरियर लगा दिया। श्रद्धालुओं को घाट से हटाने लगे। स्नान रोक दिया गया। कुछ ही देर में सब खाली हो गया। सिर्फ एंबुलेंस आते-जाते दिख रही थीं। दो घंटे बाद स्थितियां सुधरी तब स्नान के लिए जाने दिया गया। स्नान करते ही ट्रेन में बैठाकर प्रयागराज से बाहर कर दिया गया।
प्रयागराज में बिछड़े सेंट्रल पर मिले
मध्य प्रदेश के मुरैना निवासी महंत मुंशी बाबा ने बताया वह रघुवर दास बाबा के साथ संगम स्नान करने गए थे। जब भगदड़ मची, वह स्नान करके लौट रहे थे। पुलिस उनके साथ लोगों को घेरकर दूसरी तरफ ले गई। सीधा स्टेशन पहुंचाया और ट्रेन में बैठा दिया। इस बीच आपाधापी में वह दोनों बिछड़ गए। सेंट्रल पर मुंशी बाबा मध्य प्रदेश के लिए ट्रेन का इंतजार कर रहे थे, तभी प्रयागराज से आई दूसरी ट्रेन में रघुवरदास को देखकर राहत की सांस ली। मिलते ही दोनों गले मिले और परिजनों को सकुशल होने की खबर दी।
दूर-दूर तक सिर्फ चीख-पुकार सुनाई दी
राजस्थान के डेवली निवासी राजकुमार, खिलाड़ी सैनी और इंद्रा शर्मा एक साथ संगम स्नान करने निकले थे। घटना के वह तीनों चश्मदीद हैं। उनके मुताबिक दूर-दूर तक लोगों की चीख-पुकार सुनाई दी। लोग खुद को सुरक्षित करने के लिए भाग रहे थे। जहां तक नजर गई लोग घायल पड़े थे और सामान बिखरा था। एंबुलेंस से घायलों को तेजी से अस्पताल ले जाया जा रहा था। इसी माहौल में हर कोई अपने साथी-संगी को तलाश रहा था।
सब ठीक था, आगे बढ़ते ही मची भगदड़
पुखरायां के रहने वाले गुलाब सिंह यादव ने बताया कि वह 10 लोग साथ गए थे। तीन लोग साथ में लौटे हैं। लेकिन अन्य सात लोग भी सुरक्षित हैं। फोन पर बात हुई है। हालांकि घटना को लेकर डरे हैं। उनका जत्था जिस रास्ते से निकल कर गया था, वहां सब ठीक था। उन लोगों के आगे बढ़ते ही कुछ देर में भगदड़ मच गई।
व्यवस्था अच्छी थी, लोग अचानक भागे
पुखरायां की सरला ने कहा कि महाकुंभ में बहुत अच्छी व्यवस्था थी। जगह-जगह सुरक्षाकर्मी तैनात थे, सुविधाएं भी ठीक थीं। लेकिन पता नहीं क्या हुआ कि लोग अचानक भागने लगे। कुछ पता ही नहीं चला। हम लोग किनारे थे, इसलिए लोगों को भागते देखकर दूर हट गए। पुलिस कर्मी मदद के लिए आए तो उनके साथ ही चल दिए।
पुलिस कर्मियों ने स्टेशन पहुंचाया
भगदड़ से सहमी ममता ने कहा क्या बताएं, क्या देखा। बस ठीक-ठाक लौट आए। लोग बेवजह भाग रहे थे। नीचे बैठे और लेटे लोगों को भी नहीं देखा। इतनी सुरक्षा के बीच कैसे भगदड़ मची पता नहीं। बस पुलिस वाले आए और हम लोगों को सुरक्षित किया। तत्काल ट्रेन में बैठाकर वापस भेज दिया।
