Kanpur सेंट्रल पर अलर्ट, रोकी गईं स्पेशल ट्रेनें, यात्रियों से भरे रहे प्लेटफार्म, मुस्तैद रहे रेलवे अधिकारी व सुरक्षाकर्मी
कानपुर, अमृत विचार। महाकुंभ में मंगलवार देर रात भगदड़ के बाद शहर के स्टेशनों पर अलर्ट के साथ चौकसी बढ़ा दी गई। सेंट्रल स्टेशन पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देख रस्सा टीमें मुस्तैद हुईं। क्यूआरटी, आरपीएफ, जीआरपी, पीएसी व रेलवे कर्मी प्लेटफार्मों पर उतर आए और कुछ समय के लिए मेला स्पेशल ट्रेनों को रोक दिया गया। प्रयागराज से श्रद्धालुओं को लेकर मेला स्पेशल ट्रेनें आने लगीं। जिन्हें ट्रेनों से उतारकर अलग-अलग रूटों पर गतव्य के लिए रवाना किया गया। सुबह तक स्थितियां सामान्य हुईं, मेला स्पेशल ट्रेनें चलीं, लेकिन दिनभर सेंट्रल पर श्रद्धालुओं की भीड़ बरकरार रही।
मौनी अमावस्या पर संगम स्नान के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ मंगलवार शाम से ही सेंट्रल और गोविंदपुरी स्टेशनों पर रही। रात 12 बजे तक 7 स्पेशल ट्रेनें महाकुंभ के लिए रवाना हुईं। इस बीच भगदड़ की खबर पर रेलवे प्रशासन अलर्ट हो गया। प्रयागराज जाने वाली मेला स्पेशल रोक दी गईं। मेला क्षेत्र से श्रद्धालुओं को लेकर स्पेशल ट्रेनें आने लगीं और स्टेशन पर फिर भीड़ बढ़ने लगी। सुबह छह बजे के बाद स्थिति में सुधार होने पर फिर स्पेशल ट्रेनों के संचालन ने गति पकड़ी।
ट्रैक बदलने से हड़बड़ाए यात्री
बुधवार दोपहर झारखंड स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस सेंट्रल आने वाली थी। ट्रेन पकड़ने के लिए यात्री प्लेटफार्म नंबर 5 पर ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। इसी बीच एनाउंस हुआ कि ट्रेन तीन नंबर पर आएगी। इस पर यात्री रेलवे लाइन पार करके ही इधर से उधर जाने लगे। जिससे कुछ देर के लिए स्थिति बिगड़ गई। कई बच्चों को चोट आई। हालांकि आरपीएफ और जीआरपी ने माहौल को संभाल लिया।
दरवाजों पर खड़े होकर किया सफर
महाकुंभ से लौटे श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने पर ट्रेनों में बैठने की जगह नहीं मिली। यात्रियों ने कोच के दरवाजों पर खड़े होकर सफर किया। कोचों में चढ़ने और उतरने में काफी परेशानी हुई। पुलिस कर्मियों की मदद से लोग कोचों में सवार हो सके। भीड़ के बीच में बच्चों की हालत ज्यादा खराब रही।
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