महाकुंभ में भगदड़ के जिम्मेदारों की तलाश शुरू, AI कैमरों ने पहचाने चेहरे 

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Published By Muskan Dixit
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भास्कर दूबे, अमृत विचार, अमृत विचार: जांच आयोग से लेकर केंद्रीय जांच एजेंसियों, उत्तर प्रदेश की एटीएस और एसटीएफ ने महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन भगदड़ के लिए जिम्मेदार आसामाजिक तत्वों की खोज शुरू कर दी है। संगम क्षेत्र के आसपास लगे आधुनिक आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस से लैस कैमरों और खूफिया एजेंसियों के सहयोग से गहन छानबीन के बाद चेहरों की पहचान कर ली गई है। एसटीएफ और केंद्रीय एजेंसियां इन सनातन विरोधियों की खोज में जुट गईं है।

पुलिस के आला अफसरों को उम्मीद है कि सप्ताह भर के भीतर इन उपद्रवियों को गिरफ्तार कर इनके मनसूबों और इनके आकाओं के नाम उजागर कर दिए जाएंगे। महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन मची भगदड़ की जांच प्रगति पर है। मामले में दो दर्जन से अधिक उपद्रवी युवकों की संलिप्तता की पुष्टि कैमरे कर चुके हैं। मेले में शामिल श्रद्धालुओं एवं चश्मदीदों के बयान को आधार मान कर केंद्रीय खूफिया एजेंसियों और एटीएस, एसटीएफ की टीमें भगदड़ कराने के लिए जिम्मेदार माने जा रहे लोगों के समूह को सरगर्मी से तलाश रहीं हैं। मालूम हो कि इस प्रकरण की जांच के लिए राज्य सरकार ने तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का भी गठन किया है। जो कि गहन जांच कर रही है। भगदड़ के बाद पहुंची जांच टीम के सामने तमाम पीड़ितों और प्रत्यक्षदर्शियों ने बयान दिया की उन्हें युवाओं के एक समूह द्वारा लगातार धक्का मारा जा रहा था। जिससे हालात बिगड़े और खुद को बचाने के लिए लाेग आग वाले को धक्का मारने लगे, जिससे भगदड़ मची। इस तरह झूसी क्षेत्र में भी भगदड़ मचाने की कोशिश की गई थी।

इन दोनों घटनाओं में शामिल अराजक तत्वों की जांच के लिए सारे सीसीटीवी और एआई कैमरों को खंगाल कर उन युवकों को चिन्हित किया जा रहा है। जिन पर घटना को अंजाम देने की जानकारी है। डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा है कि पुलिस और एजेंसियां हादसे के हर पहलु पर गहनता से जांच कर रहीं हैं। आसपास के क्षेत्रों में लगे कैमरों और नाइट विजन ड्राेन कैमरों की फुटेज से तमाम उपद्रवियों के चेहरे साफ नजर आएं हैं।

जांच कर्ताओं का कहना है कि खालिस्तानी अलगाव वादियों सहित समस्त सनातन विरोधी शक्तियों के क्रियाकलाप को जांच के केंद्र में रखा गया है। करोड़ों लोगों की व्यवस्थित भीड़भाड़ वाले इस आयोजन में ऐसे लोगों के शामिल होने से इंकार नहीं किया जा सकता है।

अतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत और उत्तर प्रदेश की छवि को दागदार करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त प्राशासक की छवि को तोड़ने का प्रयास करना, सरकार को बदनाम करना, सनातन धर्मावलंबियों में अंसतोष उत्पन्न करना, और भाजपा विरोधी वतावरण का निर्माण करना इन सनातन विरोधियों के कुत्सित मंसूबों का हिस्सा था। मेला परिसर में मौजूद विभिन्न श्रद्धालुओं के बयानों ने उपरोक्त वर्णित तथ्यों का खुलासा जांच एजेंसियों के सामने किया है।

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