हल्द्वानी की भार्गवी ने सबसे कम उम्र में जीता ब्रॉन्ज मेडल
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हल्द्वानी, अमृत विचारः भार्गवी ने मॉर्डन पेंटाथलॉन प्रतियोगिता के तहत बाइथल की व्यक्तिगत स्पर्धा में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया है। हल्द्वानी की भार्गवी राष्ट्रीय खेलों के तहत मॉर्डन पेंटाथलॉन प्रतियोगिता में भाग लेने वाली सबसे कम उम्र (14 साल) की खिलाड़ी हैं। भार्गवी प्रोफेशनल स्विमर हैं। उनकी प्रोफेशनल स्विमर बनने की कहानी बड़ी रोचक है। भार्गवी ने बताया कि वह जब छठी कक्षा में थी, तो रामनगर में उनके फुफेरे भाई (बुआ का लड़का) की तालाब में डूबने से मौत हो गई थी। भार्गवी उम्र में चाहे छोटी थी, लेकिन भाई की मौत का उन पर गहरा सदमा लगा।
इस दौरान उन्हें पता चला कि यदि उनका भाई स्विमिंग करना जानता, तो उसकी जान बच जाती। इसके बाद उन्होंने अपनी मां से स्विमिंग के बारे में पूछा, तब मां ने बताया कि स्विमिंग आनी जरूरी है। इस घटना से सबक लेकर स्विमिंग करने का फैसला किया। भार्गवी ने कोविड काल से पहले स्विमिंग शुरू कर दी थी, लेकिन कोविड में पाबंदी के कारण उनकी ट्रेनिंग छूट गई। लेकिन हालात ठीक होने के बाद वह फिर से अपनी ट्रेनिंग में जुट गई। इसके बाद भार्गवी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। अपने हौसले की बदौलत उन्होंने ट्राइथल में ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया है। उनका परिवार लाल डांठ में रहता है। उनके माता-पिता हल्द्वानी में ही सरकारी शिक्षक हैं। भार्गवी को 38 वें राष्ट्रीय खेलों में स्विमिंग प्रतियोगिता में भी प्रतिभाग करना था, लेकिन वह मात्र 1 माइक्रोसेकंड से पीछे रहने के कारण क्वालीफाई नहीं कर पाई। वह कल बुधवार होने वाली टेट्राथल प्रतियोगिता में भी भाग लेंगी। यह उनका राष्ट्रीय खेलों का पहला मेडल है। उन्होंने 2024 में दिल्ली में फिन स्विमिंग में गोल्ड मेडल जीता।