Kanpur: स्टेशनों के पास अतिक्रमण और गंदगी से घट रहे मेट्रो के यात्री, 9 स्टेशनों का कराया गया सर्वे, रिपोर्ट में जताई चिंता
कानपुर, अमृत विचार। मेट्रो स्टेशनों के बाहर अतिक्रमण, टूटी सड़कें, मलबा और ऊंचे-नीचे फुटपाथ मेट्रो की यात्री संख्या पर असर डाल रहे हैं। मेट्रो की ओर से कराए गये सर्वे में यह कमियां पाई गई हैं। मेट्रो के अधिकारियों के अनुसार मेट्रो स्टेशन की ओर आने वाली सड़कों पर यह कमियां मिलीं है, जिससे यात्रियों को आने-जाने में असुविधा हो रही है। इसकी वजह से राइडरशिप भी घट रही है। यूपीएमआरसी के अधिकारियों ने इस संबंध में नगर निगम को पत्र लिखकर कहा है कि राइडरशिप बढ़ाने के लिये कमियों को तत्काल दूर कराया जाये।
कानपुर मेट्रो का संचालन प्राथमिक गलियारा आईआईटी से मोतीझील तक 9 स्टेशनों के मध्य किया जा रहा है। जिसमें जीटी रोड पर स्थित 7 मेट्रो स्टेशन आईआईटी कानपुर, कल्यानपुर, एसपीएमएच हॉस्पिटल, कानपुर विश्वविद्यालय, गुरुदेव चौराहा, गीतानगर, रावतपुर मेट्रो स्टेशन हैं और 02 अन्य स्टेशन एलएलआर हॉस्पिटल व मोतीझील मेट्रो स्टेशन हैं। इन 9 स्टेशनों के बीच ही वर्तमान में मेट्रो चल रही है।
यूपीएमआरसी के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में प्रतिदिन 8 से 10 हजार औसत यात्री इन 9 स्टेशनों का उपयोग करते हैं। मौजूदा समय में स्टेशनों के आस-पास कई दिक्कतें हैं। मेट्रो स्टेशनों के बाहर सर्वे में अतिक्रमण, टूटी सड़कें, मलबा और ऊंचे-खाली फुटपाथ मिले हैं। अधिकारियों ने इस वजह को राइडरशिप में कमी का कारण बताया है। अधिकारियों ने कहा कि इन असुविधाओं की वजह से लोग कई बार मेट्रो स्टेशनों का उपयोग करने से बच रहे हैं।
44 स्थानों पर मिलीं खामियां
यूपीएमआरसी ने सर्वे में पाया कि आईआईटी कानपुर से लेकर मोतीझील तक स्टेशनों के पास 44 स्थान ऐसे हैं जहां अतिक्रमण, टूटी सड़कें, मलबा, खराब फुटपाथ मिले हैं। इसमें आईआईटी, कल्याणपुर, गुरूदेव चौराहा, रावतपुर स्टेशन पर 5-5 जगह, एसपीएमएच, मोतीझील स्टेशनों में 6-6 जगह और एलएलआर, गीतानगर और विश्वविद्यालय स्टेशन पर 4-4 जगह कमियां मिलीं हैं।
महाप्रबंधक परिचालन ने भेजा पत्र
यूपीएमआरसी के परिचालन महाप्रबंधक त्रदीप कुमार खरे ने नगर आयुक्त सुधीर कुमार को पत्र के साथ कमियों की सूची, स्थानों के रंगीन चित्र और ड्राइंग भेजकर कहा है कि प्राथमिकता देते हुये कार्यदायी संस्था को कमियों को दूर करने के निर्देश दें ताकि इसका नकारात्मक प्रभाव मेट्रो की राइडरशिप पर न पड़े।
