औद्योगिक क्षेत्रों में निजी कंपनी उठाएगी कूड़ा: कानपुर नगर निगम से इसलिए वापस लिए गए...
उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण नए वित्तीय वर्ष से शुरू कराएगा कार्य
कानपुर, अमृत विचार। पनकी, रूमा, चकेरी समेत सभी तीन दर्जन से अधिक औद्योगिक क्षेत्रों में उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण कूड़ा प्रबंधन का काम नए वित्तीय वर्ष से निजी हाथों में देगा। कंपनी न सिर्फ झाड़ू लगवाएगी बल्कि ठोस कचरा और सूखा-गीला कूड़ा आदि को अलग- अलग भी करेगी।
इस कचरे को नगर निगम के डंपिंग ग्राउंड भी पहुंचाएगी। इसके लिए औद्योगिक इकाइयों से चार्ज लिया जाएगा। इस व्यवस्था से न सिर्फ सही ढंग से कचरा प्रबंधन हो सकेगा बल्कि औद्योगिक इकाइयों के बाहर डंप कूड़े से उठने वाली बदबू और सड़कों पर गंदगी से भी निजात मिल जाएगी।
प्राधिकरण ने लखनऊ, गाजियाबाद, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, अलीगढ़, मुरादाबाद, बरेली आदि शहरों में नगर निगम की सीमा में आने वाले औद्योगिक क्षेत्रों के विकास और कूड़ा प्रबंधन का कार्य नगर निगमों को दे रखा था। नगर निगमों की जिम्मेदारी है कि यहां से मिलने वाले हाउस टैक्स का 60 फीसद हिस्सा विकास कार्य पर खर्च करें। साथ ही नित्य झाड़ू लगवाने के साथ ही कचरा भी उठवाएं।
नालों और नालियों की सफाई, बारिश के जल का प्रबंधन करने की जिम्मेदारी भी नगर निगमों की है लेकिन ये कार्य सुचारु रूप से नहीं हो पा रहे हैं। उद्योग बंधु की बैठकों में कूड़ा निस्तारण न होने और टूटी सड़कों, जल भराव का मुद्दा उठता रहा है। इस समस्या से आजिज आकर प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने शासन को प्रस्ताव दिया था कि नगर निगम को हस्तांतरित औद्योगिक क्षेत्र प्राधिकरण को वापस कर दिए जाएं।
इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंजूरी मिल चुकी है। अप्रैल से औद्योगिक क्षेत्रों का मालिकाना हक प्राधिकरण के पास होगा। प्राधिकरण ही यहां टैक्स वसूलेगा और विकास कार्य कराएगा। प्रत्येक औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने का काम अभियंत्रण विभाग की ओर से किया जा रहा है। इसी के साथ अब तय हुआ है कि कचरा निस्तारण का काम भी प्राधिकरण ही करे। इसके लिए कंपनियां अधिकृत की जाएं।
पांच स्तर पर कूड़ा निस्तारण
कंपनियां पांच स्तर पर कूड़ा निस्तारण का काम करेंगी। पहले डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन किया जाएगा। इसके बाद उसे डंपिंग ग्राउंड में लाकर डंप किया जाएगा। वहां कांच, प्लास्टिक की बोतल व अन्य ठोस अपशिष्ट को अलग किया जाएगा। इसके बाद उन्हें नगर निगम के डंपिंग ग्राउंड पहुंचाया जाएगा। झाड़ू नियमित लगे इसकी निगरानी की जिम्मेदारी अभियंत्रण विभाग की होगी।
मार्च में सौंपी जाएगी डीपीआर
औद्योगिक क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण, नाला निर्माण, विद्युत पोल लगाने, कैमरों की स्थापना, बैठने की व्यवस्था आदि कार्यों के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जा रही है। यह रिपोर्ट मार्च अंत में मुख्य कार्यपालक अधिकारी को सौंप दी जाएगी। उनकी मंजूरी के बाद टेंडर की प्रक्रिया शुरू होगी और विकास कार्य शुरू होंगे।
ये भी पढ़ें- शिकायत सुनते ही Kanpur महापौर भड़की: सामने खड़े होकर चलवाया बुलडोजर, अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा ये...
